फर्जी डिग्री के आरोपों के चलते केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जमकर खिंचाई हो रही है। ईरानी ने गुरुवार को अमेठी से नामांकन दाखिल किया। स्मृति ईरानी के दाखिल किए गए नामांकन पत्र के मुताबिक, उन्होंने 10 वीं साल 1991 में और 12 वीं साल 1993 में पास किया था।
ईरानी ने 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में बैचलर ऑफ कॉमर्स कोर्स में दाखिला लिया, लेकिन उन्होंने इस कोर्स को पूरा नहीं किया। उन्होंने खुद ही साफ़ कर दिया है कि वो दिल्ली यूनिवर्सिटी से ओपन लर्निंग पढ़ाई तो कर रही थीं, मगर वो अधूरी रह गई।
2014 में खुद को येल यूनिवर्सिटी की ग्रेजुएट बताने वाली ईरानी ने 2019 में माना वो ग्रेजुएट नहीं हैं
अब स्मृति ईरानी की डिग्री पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने जोरदार हमला किया है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा है कि, “ग्रेजुएट से 12 वीं में कैसे आया जाता है यह मोदी सरकार से ही सीखा जा सकता है और मोदी सरकार में ही मुमकिन है।”
#WATCH Congress' Priyanka Chaturdevi: A new serial is going to come, 'Kyunki Mantri Bhi Kabhi Graduate Thi'; Its opening line will be 'Qualifications ke bhi roop badalte hain, naye-naye sanche mein dhalte hain, ek degree aati hai, ek degree jaati hai, bante affidavit naye hain. pic.twitter.com/o8My3RX9JR
— ANI (@ANI) April 12, 2019
प्रियंका ने आगे स्मृति ईरानी के धरावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहु थी’, को लेकर तंज कसते हुए कहा कि, “एक नया धरावाहिक आने वाल है- ‘क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी’, जिसकी शुरूआती लाइन कुछ इस तरह से होंगी, क्वालिफिकेशन के भी रूप बदलते हैं, नए-नए सांचे में ढलते हैं, एक डिग्री आती है, एक डिग्री जाती है, बांटे एफिडेविट बनते हैं।”
दरअसल, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनी डिग्री को लेकर छिड़ी बहस पर ख़दु ही पूर्ण विराम लगा दिया है। येल यूनिवर्सिटी की डिग्री दिखाने का दावा करने वाली ईरानी ने अब यह मान लिया है कि वह स्नातक भी नहीं हैं।
ईरानी की फेक डिग्री पर बोलीं पंखुड़ी- हम झूठ बोलने वालों को देश चलाने के लिए क्यों चुन रहे हैं?
स्मृति ईरानी ने गुरुवार को अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। इस नामांकन में उन्होंने अपनी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता बीकॉम पार्ट-वन (प्रथम वर्ष) घोषित की है।
अब स्मृति ईरानी और भाजपा डिग्री को लेकर जो भी दावे कर लें लेकिन इस डिग्री पर उठे सवाल पर ईरानी का झूठ पकड़ा जा चूका है। हालाँकि, इस झूठ को भी कई बार अलग-अलग तरीके से दिखाया गया है। स्मृति ईरानी ने 2004 के लोकसभा चुनाव और 2011 के राज्यसभा चुनाव में अपनी अलग डिग्री दिखाई थी। और अब 2019 के लोकसभा चुनाव में अलग डिग्री दिखाई है!