केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेत्री स्मृति ईरानी पर अलग-अलग हलफनामों में अपनी पढ़ाई लिखाई को लेकर अलग-अलग जानकारी देने का आरोप लगता रहा है। 2015 में इसे लेकर एक मामला दिल्ली के पटिलाया हाइकोर्ट में चला था।
शिकायताकर्ता के मुताबिक, स्मृति ईरानी ने 2004 के लोकसभा चुनाव में पर्चा भरते वक्त बताया कि उन्होंने 1996 में डीयू से पत्राचार के जरिए बीए किया है।
2011 में राज्यसभा चुनाव के लिए पर्चा भरते वक्त बताया कि डीयू के पत्राचार विद्यालय से बीकॉम पार्ट वन किया है। 2014 में अमेठी से लोकसभा चुनाव का पर्चा भरते वक्त स्मृति ईरानी ने जानकारी दी कि डीयू के स्कूल ऑफ लर्निंग से बीकॉम पार्ट वन किया है।
नामांकन में हुआ खुलासा: स्मृति ईरानी नहीं हैं ग्रेजुएट, डॉ कफील बोले- 5 साल बाद चोरी पकड़ी गई
अब स्मृति ईरानी ने गुरुवार को अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। इस नामांकन में उन्होंने अपनी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता बीकॉम पार्ट-वन घोषित की है।
नामांकन के लिए दाखिल किए गए हलफनामे के मुताबिक, ईरानी ने 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में बैचलर ऑफ कॉमर्स कोर्स में दाखिला लिया, लेकिन उन्होंने इस कोर्स को पूरा नहीं किया।
2019 लोकसभा चुनाव के लिए उनका हलफनामा इस बात की पुष्टी करता है, कि तीन साल का डिग्री कोर्स उन्होंने पूरा नहीं किया है। हलफनामे के मुताबिक, ईरानी ने 1993 में होली चाइल्ड ऑक्सिलियम स्कूल से इंटरमीडिएट किया।
इस खुलासे के बाद पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने लिखा है और यहां पहली बात स्मृति ईरानी ने स्वीकार लिया कि वो ग्रेजुएट नहीं हैं।
And, here it is @smritiirani finally admits she is not a graduate pic.twitter.com/hco3csdAo6
— Swati Chaturvedi (@bainjal) April 11, 2019
कितने दुर्भाग्य की बात है कि जिनको हम देश चलाने के लिए चुनते हैं वह सार्वजनिक जीवन में इतने बड़े बड़े झूठ बोल जाते हैं और हमें फ़र्क़ नहीं पड़ता ।
अगर आपके यहाँ कोई नौकरी माँगने आए और आपको बाद में पता चले कि उसने अपनी डिग्री के बारे में झूठ बताया था तो आप क्या सोचेंगे ? pic.twitter.com/cElHcfHzpZ— Pankhuri Pathak پنکھڑی (@pankhuripathak) April 12, 2019