लोकसभा चुनाव आया और पीएम मोदी अब अलग अलग राज्य में कभी चौकीदार बनेगें तो कभी चायवाला तो कभी गंगा पुत्र होने का दावा करेंगें। ऐसा देखा जा सकता है कि पीएम मोदी जिस भी राज्य में जाते है वहां के हिसाब से ही भाषण देते हैं। मसलन आज चाय के लिए मशहूर राज्य असम पहुंचे तो वहां खुद को चाय वाला बताते हुए कहा कि मैं चाय वाला हूँ चायवाले का दर्द समझता हूँ।

पीएम मोदी असम दौर पर पहुंचे हुए जहां उन्होंने डिब्रूगढ़ में रैली के दौरान कहा कि कांग्रेस को चौकीदार से तो नफरत है ही साथ चायवालों से भी नफरत करते हैं। उन्होंने कहा कि चाय वालों का दर्द एक चाय वाला ही समझ सकता है। इस दौरान उन्होंने किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि चाय वालों के खाते में हर साल 6 हजार रुपये डाले जा रहे हैं जो उनसे कोई नहीं छीन सकता।

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पीएम मोदी के बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रतिक्रियां दी है। एक यूज़र ने लिखा चाय वाले मासिक भत्ता मांग रहे थे तब क्या तुम्हारी तुलसी का पूजन कर रहे थे।

एक और यूज़र ने लिखा- हाँ तो नरेंद्र मोदी बताइये कि इन पांच सालों में कितने चायवालों का कौन सा और कितना दर्द कम किये हो। झूठे और लफ्फाज के सिवा कुछ नहीं हो आप।

वहीं एक और यूज़र ने लिखा कि कितने चायवालो के पास गए 5 सालों में उनके दुख दर्द पूछने।

बता दें कि इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वो 11 अप्रैल को होने वाले मतदान में बीजेपी के लिए वोट देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के पर्व में अपनी ज्यादा से ज्यादा भागीदारी निभाएं। कांग्रेस की और दूसरी सरकारें नहीं कर पाईं वह काम इस सरकार ने पांच साल में करके दिखा दिया।

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