चुनाव आयोग के आदेश अब ताक पर रख दिए गए। अब पीएम मोदी खुद एयरस्ट्राइक की गाथा सुना सुनाकर वोट मांगने चुनाव मैदान में उतर चुके है। मगर आज पीएम मोदी कुछ ऐसा बोल गए जिससे सवाल उठने लगा कि क्या वो विंग कमांडर अभिनंदन को वापस लाना नहीं चाहते थे।

दरअसल पीएम मोदी ने न्यूज़ चैनल रिपब्लिक भारत को दिए अपने इंटरव्यू में एयरस्ट्राइक के बारे में ज़िक्र करते हुए कि जब अभिनन्दन की घटना घटी तो देश के सभी दलों को कहना चाहिए था कि हमें देश की सेना पर गर्व है की उसने F16 मार गिराया। उसकी बजाय ये अभिनन्दन वापस कब आएगा, इसपर चल पड़े।

विपक्ष पर सवाल करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उस दिन रात को विपक्ष ने कैंडल लाइट मार्च निकलने और पुलवामा हमले को मुद्दा बनाने का षड्यंत्र तैयार कर लिया था। वो तो शाम को 4-5 बजे तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अभिनन्दन की रिहाई की घोषणा कर दी। जिससे इनकी योजना धरी की धरी रह गयी।

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अब सवाल उठता है कि क्या पीएम मोदी अभिनंदन को वापस भारत लाना के पक्षधर नहीं थे? क्या पीएम अभिनंदन पाकिस्तान के हाथों बंदी बने रहने देना चाहते थे?

क्या एक विंग कमांडर की कोई महत्व जिसके नाम भारत का हर नागरिक गर्व करता उसकी मुछों से लेकर हेयरस्टाइल तक की नक़ल करने लगा हो उसकी वापसी को पीएम मोदी एक प्रोजेक्ट बताया था।

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बता दें कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक करते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घूसकर आतंकियों के ठेकानो पर बम बरसाए थे हालाकिं इसमें कितने लोग मारे गए इसकी पुष्टि न सरकार की और ना ही वायुसेना ने जिसने एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया था।

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