बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स (BSF) में परोसे जा रहे ख़राब खाने की शिकायत करने पर बर्खास्त किए गए जवान तेज बहादुर यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। यह चुनाव वह किसी पार्टी से नहीं बल्कि निर्दलीय लड़ेंगे।

चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए तेज बहादुर ने कहा कि वह चुनाव लड़कर सेना में हो रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाना चाहते हैं। मूलतः हरियाणा के रहने वाले तेज बहादुर ने बताया कि वह कई महीनों से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि वाराणसी के एक हजार से अधिक लोग उनके संपर्क में हैं। उन्होंने बनारस की वोटर लिस्ट में नाम भी दर्ज करवा लिया है। वह जल्द ही अपनी टीम के साथ बनारस के लिए रवाना होंगे।

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तेज बहादुर ने कहा, ‘मेरा उद्देश्य जीत या हार नहीं है। मेरा मकसद लोगों के सामने यह लाना है कि किस तरह से इस सरकार ने सेनाओं, खासकर अर्धसैनिक बलों को निराश किया है। पीएम मोदी हमारे जवानों के नाम पर वोट मांगते हैं लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करते हैं। हाल ही में पुलवामा में हमारे अर्धसैनिक जवान (सीआरपीएफ जवान) मारे गए लेकिन इस सरकार ने उन्हें शहीद का दर्जा तक नहीं दिया।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने जो भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था कम से कम सरकार को तो उस पर काम करना चाहिए था। मेरी आवाज़ को दबाने के लिए इसकी कार्रवाई से ही पता चलता है कि यह सरकार सेनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने वाली पार्टी है।’

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बता दें कि तेज बहादुर ने वीडियो बनाकर बीएसएफ में जवानों को परोसे जा रहे खराब खाने के बारे में शिकायत की थी। इस मामले को लेकर काफी बवाल मचा था और पीएमओ ने भी इसका संज्ञान लिया था। इसका वीडियो वायरल होने के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तेज बहादुर को बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था। तेज बहादुर ने अपने खिलाफ हुई इस कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जो अभी ट्रायल स्टेज में है।

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