योगीराज में बेटी न बच सकती और न ही पढ़ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी आगरा की संजली को इंसाफ मिला भी नहीं था कि उन्नाव के मौरावां क्षेत्र की एक युवती को खाकी पहनने से पहले कफन ओढ़ा दिया गया।

सोमवार की सुबह घर से निकली युवती की खेत में हत्या कर दी गई। लड़की के गले में चाकू से गोदने के निशान थे।

पुलिस भर्ती परीक्षा पास करने के बाद वह मेडिकल टेस्ट की तैयारी कर रही थी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों से पूछताछ के साथ हत्या के कारणों का पता लगाने को पड़ताल शुरू की है।

संजली के बाद अब उन्नाव में एक और बेटी की हत्या, रिचा बोलीं- बेटियों को मारा जा रहा है लेकिन योगी ‘गाय-गाय’ कर रहे हैं

दरअसल मजरा अकोहरी गांव के निवासी शिवकुमार यादव की बेटी 20 वर्षीय गोल्डी ने साल की शुरुआत में पुलिस भर्ती परीक्षा पास की थी। कुछ दिन बाद उसे मेडिकल टेस्ट के लिए जाना था। मगर उससे पहले ही उसे मौत के घाट उतार दिया गया।

परिजनों की माने तो सोमवार की सुबह करीब आठ बजे वह रोजाना की तरह खेत की ओर गई थी। दो घंटे तक उसके न लौटने पर परिजन खोजबीन को निकले तो 500 मीटर दूरी पर गोल्डी का खून से शव मिला।

गले में चाकू का घाव मिलने के साथ पूरा चेहरा खून से लथपथ था। ये उस सूबे की कहानी है जहां के मुख्यमंत्री सूबे को अपराध मुक्त करने के बड़े बड़े दावे करते है।

मगर सच्चाई ये है कि पिछले दिनों 8 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के आगरा में एक 15 वर्षीय दलित लड़की पर दो अज्ञात लोगों ने पेट्रोल छिड़ककर आग लगा देने के बाद भी राज्य में अपराध करने वालों पर कानून का शिकंजा कस पाने में नाकाम रही है।

अब सवाल ये उठता है की जब बेटियों को स्कूल से आते वक़्त पेट्रोल डाला जायेगा और पुलिस भर्ती से पहले ही उसे मौत के घाट उतार दिया जायेगा तो बेटी कैसे बच सकेगी और कैसे वो पढ़ सकेगी? क्योंकि योगी सरकार को तो न किसानों की चिंता है और न ही महिलाओं की।

हैरान करने वाली बात ये भी है की ऐसी घटनाओं पर सीएम योगी सुध भी नहीं ले रहें है। वो व्यस्त है राममंदिर पर चर्चा करने में।

अब इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जब मुख्यमंत्री मंदिर-मस्जिद करने में व्यस्त हो तो राज्य की कानून व्यवस्था कैसे दुरुस्त हो सकती है।

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