citizenship bill
Cab is an Attack on Vision of Freedom Fighters

इस विधेयक का विरोध इसलिए नहीं करना चाहिए कि यह मुसलमानों के साथ अन्याय करता है. इस विधेयक का विरोध इसलिए करना चाहिए ​क्योंकि यह बिल 50 साल तक लड़ी गई आजादी की लड़ाई और 72 साल में निर्मित हुए देश के साथ गद्दारी करता है.

यह बिल महात्मा गांधी, भगत सिंह, अशफाक उल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, सुखदेव, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे अमर योद्धाओं के साथ गद्दारी करता है. यह बिल उस बहादुरशाह जफर के साथ गद्दारी करता है जिसने अपनी आंखों के सामने अपने बेटों का सिर दे दिया था और खुद रंगून में दफन हो गया.

यह बिल बेगम हज़रत महल से लेकर बदरुद्दीन तैयबजी, नवाब बहादुर, दादा भाई नैरोजी, सैयद हसन इमाम, अब्दुल गफ्फार खान, मोहम्मद अली जौहर से लेकर गांधी, नेहरू, सुभाष और पटेल तक से गद्दारी करता है.

CAB पर बवालः डिब्रूगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने RSS के दफ्तर में लगाई आग, कई BJP नेताओं को घेरा

यह नेहरू और पटेल जैसे योद्धाओं के साथ धोखा है जिन्होंने अपनी लगभग जिंदगी अंग्रेजों से लड़ने में बिता दी और बची जिंदगी में अपनी मजबूत अस्थियां लगाकर भारत की ​बुनियाद रखी. यह पटेल के उस सपने पर हमला है जिसके तहत वे कहते थे कि ‘हम एक सच्चे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र ही सभ्य हो सकता है. यह बिल उन हजारों लाखों हिंदुओं और मुसलमानों के साथ गद्दारी करता है जिन्होंने साथ में लड़कर इस देश को आजाद कराया. यह बिल हमारे पुरखों के सपनों के भारत को बदलना चाहता है.

यह बिल स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत के साथ, हमारे संविधान पर हमला करता है. यह बिल हमारे सेकुलर, लोकतांत्रिक गणराज्य को एक कठमुल्ला तंत्र में बदलने की घोषणा है. यह हमारी 140 करोड़ जनता को दो हिस्सों में बांटने का षडयंत्र रच रहा है. यह हमें स्वीकार नहीं करना चाहिए.

यह उनके द्वारा किया जा रहा है जिनपर गांधी को मार डालने का आरोप लगा. यह वे कर रहे हैं जिनपर भगत सिंह और उनके साथियों की शहादत का मजाक उड़ाने का आरोप है. यह वे कर रहे हैं जो भारत के संविधान और भारतीय तिरंगे के विरोध में थे. यह वे कर रहे हैं जो ​आजादी आंदोलन से दूर हिंदू राष्ट्र मांग रहे थे, जिन्ना की तारीफ कर रहे थे और भारतीय शहीदों के​ खिलाफ अंग्रेजों की मु​खबिरी कर रहे थे.

मुबारक हो, असम जलने लगा है, यही चाहते हो न आप? लोग जलें-मरें और वोटबैंक मजबूत बना रहे

जब कुर्बानी देनी थी, तब मु​खबिरी कर रहे थे. जब कुर्बानी देनी थी तब हिंदू मुस्लिम कर रहे थे, गांधी की हत्या करवा के मिठाई बांट रहे थे. अब जब आजादी को 70 साल हो गए हैं तो संसद में जबरन कुर्बानी का पाठ पढ़ा रहे हैं और देश पर कुर्बान हुए लोगों का अपमान कर रहे हैं.

सबसे बड़ी बात है कि इनकी नीयत ठीक नहीं है. ये अब भी हिंदू राष्ट्र का राग अलाप रहे हैं, जो अंतत: हिंदुओं के लिए ही दु:स्वप्न साबित होगा.

यह किसी हिंदू और मुसलमान का मुद्दा नहीं है. यह एक उदार लोकतंत्र को बचाने का मामला है. अगर बीजेपी यह बिल लाने में सफल हुई तो यह हर भारतीय की हार होगी. इसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियां भुगतेंगी.

( ये लेख कृष्णकांत के फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है )

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here