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Ajit Anjum Condemns Modi Govt for unrest in Assam

पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संसोधन बिल (CAB) के खिलाफ़ सबसे ज़्यादा आवाज़ें उठाई जा रही हैं। बिल के खिलाफ़ जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। विरोध की इन आवाज़ों को दबाने के लिए सरकार की ओर से भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। अब असम की सोनोवाल सरकार ने प्रदर्शन के मद्देनज़र 10 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा सस्पेंड करने का फैसला किया है।

ऑल असम स्टूडेंट यूनियन और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन के अलावा 16 वाम संगठन इस बिल के विरोध में सड़कों पर उतरे हुए हैं। प्रदर्शन के चलते इन राज्यों के ज़्यादातर बाज़ार बंद हैं और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।

इन राज्यों में प्रदर्शन किस स्तर पर हो रहे हैं, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां इंडियन आर्मी की तैनाती की गई है। आर्मी के तीन कॉलम को स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए यहां भेजा गया है। 2 कॉलम की तैनाती त्रिपुरा में की गई है जबकि बचे हुए 1 कॉलम को असम में तैनाती से पहले स्टैंड बाई मोड में रखा गया है।

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वहीँ इस प्रदर्शन पर पत्रकार अजीत अंजुम ने लिखा- मुबारक हो देश का एक कोना जलने लगा है. यही चाहते हो न आप? लोग जलें-जलाएं. मरें-मारें. वोटबैंक मजबूत बना रहे. सर्वधर्म समभाव और वसुधैव कुटुम्बकम वाले देश की बुनियाद पर नफरत के हथौड़े चलाने का अंजाम बुरा ही होगा. आज नहीं तो कल वो जनता भी समझेगी,जो आज हर ऐसे फैसले पर खुश हो रही है

ग़ौरतलब है कि पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन विधेयक का सबसे ज़्यादा विरोध हो रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों के स्वदेशी लोगों का मानना है कि इस नागरिकता बिल के ज़रिए जिन शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी। उनसे उनकी पहचान, भाषा और संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी।

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पूर्वोत्तर राज्यों के मूल निवासियों का मानना है कि इस बिल के आते ही वे अपने ही राज्य में अल्पसंख्यक बन जाएंगे और इस बिल से उनकी पहचान और आजीविका पर खतरा मंडराने लगेगा।

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