एक तरफ़ जहां पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संसोधन बिल (CAB) के खिलाफ़ ज़बरदस्त ग़ुस्सा है। इसके खिलाफ़ जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं। आगज़नी हो रही है। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राज्यसभा में दावा कर रहे हैं कि ये बिल देश के लिए अच्छा है, जिसका लोगों ने स्वागत किया है।
अमित शाह के इस दावे पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “अमित शाह जी अगर आप इतने आश्वस्त हैं कि नागरिकता संशोधन बिल देश के लिए अच्छा है तो आज रात आप असम जाएं और बिना सुरक्षा के भाषण दें। क्या आप ऐसा कर सकते हैं?”
Dear Mr @AmitShah
If you are so convinced that #CAB is good for the country go to Assam tonight and give a speech sans security. Can you?
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) December 11, 2019
बता दें कि पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन विधेयक का सबसे ज़्यादा विरोध हो रहा है। ऑल असम स्टूडेंट यूनियन और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन के अलावा 16 वाम संगठन इस बिल के विरोध में सड़कों पर उतरे हुए हैं। प्रदर्शन के चलते इन राज्यों के ज़्यादातर बाज़ार बंद हैं और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
इन राज्यों में प्रदर्शन किस स्तर पर हो रहे हैं, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां इंडियन आर्मी की तैनाती की गई है। आर्मी के तीन कॉलम को स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए यहां भेजा गया है। 2 कॉलम की तैनाती त्रिपुरा में की गई है जबकि बचे हुए 1 कॉलम को असम में तैनाती से पहले स्टैंड बाई मोड में रखा गया है।
इसके साथ ही छात्र संगठनों के विरोध को देखते हुए यहां 5 हज़ार पैरामिलिट्री फोर्स को भी तैनात किया गया है। व्यापक तौर पर हो रहे इस विरोध के बावजूद सरकार सदन में ये दावा कर रही है कि इस नागरिकता संशोधन बिल से देश के लोग ख़ुश हैं। जो कहीं से भी सही नज़र नहीं आता।
ग़ौरतलब है कि पूर्वोत्तर राज्यों के स्वदेशी लोग इस बिल का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि इस नागरिकता बिल के ज़रिए जिन शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी। उनसे उनकी पहचान, भाषा और संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी।
पूर्वोत्तर राज्यों के मूल निवासियों का मानना है कि इस बिल के आते ही वे अपने ही राज्य में अल्पसंख्यक बन जाएंगे और इस बिल से उनकी पहचान और आजीविका पर खतरा मंडराने लगेगा।