यह बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का ट्विट है। जे एन यू को लेकर किए गए ट्वीट की यह भाषा बताती है कि युवाओं को भोथरा करने का प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है। जिस बिहार की सारी यूनिवर्सिटी कूड़े के ढेर में बदल चुकी है वहाँ के उप मुख्यमंत्री का एक यूनिवर्सिटी को लेकर ऐसी भाषा में ट्विट आया है।

क़ायदे से वो बता सकते थे कि बिहार में उन्होंने कौन सी ऐसी यूनिवर्सिटी बनाई है जो जे एन यू से बेहतर है। कई यूनिवर्सिटी में आज भी तीन साल का ही ए पाँच साल में हो रहा है। समय पर रिज़ल्ट नहीं आता।

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सुशील मोदी को पता है कि धर्म और झूठ की अफ़ीम से अब बिहार के नौजवानों की चेतना ख़त्म की जा चुकी है। वहाँ के युवा अपने माँ बाप के सपनों के लाश भर हैं। वर्ना आज बिहार के चप्पे चप्पे में अच्छी यूनिवर्सिटी को लेकर जे एन यू से बड़ा आंदोलन हो रहा होता।

तभी सुशील मोदी उन्हें JNU के बारे में नफ़रत बाँट रहे हैं। उन्हें पता है लाश में बदल चुके बिहार के युवाओं को सिर्फ़ नफ़रत चाहिए। गोदी मीडिया और व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी ने बिहार की यूनिवर्सिटी को मोर्चुरी में बदल दिया है। वरना सुशील मोदी इस भाषा में ट्वीट नहीं करते।

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वे बिहार के ज्ञानदेव आहूजा हैं। जिन्होंने जे एन यू में कॉन्डम फेंके होने का बयान दिया था। हिन्दी प्रदेश एक अभिशप्त प्रदेश है। वहाँ के युवाओं की राजनीतिक चेतना के थर्ड क्लास होने का प्रमाण है सुशील मोदी का यह शानदार ट्विट ।

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