छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली मुठभेड़ में सरदार बलराज सिंह नामक एक सिख जवान ने अपने साथी सब इंस्पेक्टर अभिषेक पांडेय को बचाने के लिए अपनी पगड़ी खोल कर बांध दी जिससे उनकी जान बच गई। हर ओर सरदार बलराज सिंह की हर तरफ तारीफ हो रही है।

नक्सली मुठभेड़ के दौरान जहां चारों ओर से गोलियों की बौछार हो रही थी।

सीआरपीएफ के कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन के बलराज सिंह के आगे सब इंस्पेक्टर अभिषेक पांडेय थे। अचानक एक तरफ से ग्रेनेड आकर उनके पैर में लगा और खून बहने लगा।

सरदार बलराज सिंह ने मेडिकल टीम को आवाज दी लेकिन हालात इतने भयावह थे कि वहां कोई नहीं पहुंचा।

सरदार बलराज सिंह ने तुरंत अपनी पगड़ी खोली और अभिषेक पांडेय को जहां ग्रेनेड लगा था, वहां बांध दिया, जिससे अभिषेक पांडेय की जान बच गई।

वहीं अभिषेक को बचाने में सरदार बलराज सिंह को भी गोली लग गई और वो घायल हो गए।

सरदार बलराज सिंह और अभिषेक पांडेय दोनों ही रायपुर के अस्पताल में भर्ती हैं। दोनों ही खतरे से बाहर हैं।

इस घटना के बारे में जानकारी साझा करते हुए सरदार बलराज सिंह कहते हैं कि एक ग्रेनेड आकर अभिषेक पांडेय जी के पैर के पास फटा। खून इतना निकल रहा था कि वो दर्द से कराह रहे थे।

कोई तो पट्टी बांधों.. मैं वहीं एक पेड़ की आड़ में था। मैंने उनके कराहने की आवाज सुनी तो मैंने अपनी पगड़ी उतारी।उसके दो हिस्से किए और एक हिस्सा एसआई साहब के पैर में बांध दिया।

वहीं सरदार बलराज सिंह की इस बहादुरी के बाद सीआरपीएफ के डीजी विर्क ने उन्हें पगड़ी भेंट की।

सरदार बलराज सिंह ने कहा कि पगड़ी से बड़ा सम्मान एक सिख के लिए क्या हो सकता है! मैं जल्दी ठीक हो जाउंगा और वही पगड़ी बांध कर अपना सम्मान सबको दिखाउंगा।

नक्सलियों की गोली से घायल सरदार बलराज सिंह का अस्पताल में इलाज चल रहा है, वो अभी ठीक भी नहीं हुए हैं लेकिन कहते हैं कि एक बार फिर से मोरचे पर जाएंगे और अपने साथियों की शहादत का बदला लेंगे।

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