दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में बीती रात हुई हिंसा को लेकर देशभर में गुस्से का माहौल है। इस हमले को देश के युवाओं पर हमला बताया जा रहा है। देश की कई जानी-मानी हस्तियों के साथ ही बॉलीवुड के कई सितारों ने भी इस घटना के लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहराते हुए उसके खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है।
अनुराग कश्यप, स्वरा भास्कर, अनुभव सिन्हा के बाद अब एक्टर प्रकाश राज ने इस हमले की तुलना आतंकी हमले से करते हुए इसपर गहरा दुख व्यक्त किया है।
देश की असली टुकड़े-टुकड़े गैंग BJP-ABVP है और इस गैंग के नेता शाह और मोदी हैं : अनुराग कश्यप
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “दुख हुआ। जेएनयू हिंसा में छात्रों पर हुए इस बर्बरतापूर्वक हमले के बारे में सुनकर काफी दुख हुआ। यह घाव बहुत गहरे हैं। क्या हम मूक दर्शक बनकर देखते रहने के लिए शर्म से सिर झुका लेंगे या हम अपने बच्चों को आतंकित करने वाली इन बड़ी ताकतों के खिलाफ खड़े होंगे। हमारा भविष्य।”
Hurt..anguished..sickening to hear of the barbaric attack on students in #JNUViolence THESE WOUNDS ARE DEEPER THAN FLESH.. will we hang our head in shame for being silent spectators or will we stand up against these bigots who are terrorising our children..our future #JustAsking
— Prakash Raj (@prakashraaj) January 5, 2020
बता दें कि रविवार देर रात कुछ नकाबपोश गुडों ने जेएनयू कैंपस में घुसकर छात्रों और प्रोफेसरों पर हमला कर दिया। इस हमले में कई छात्र और शिक्षक बुरी तरह घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि छात्रों को लोहे के रॉड और डंडों से पीटा गया, जिसके चलते कई छात्र इतनी बुरी तरह घायल हो गए कि उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करना पड़ा। इस हमले में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष को भी बुरी तरह से पीटा गया, जिसमें उनका सिर फट गया।
RJD ने मोदी-शाह का नक़ाबपोश फोटो शेयर कर लिखा- आज JNU है, कल आप होंगे, कोई नहीं बचेगा
हमले में ज़्यादातर वामपंथी विचारधारा से जुड़े छात्र घायल हुए हैं। घायल हुए छात्रों का आरोप है कि ये हमला आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी ने किया है। आरोप ये भी है कि हमले में एबीवीपी के छात्रों को दिल्ली पुलिस का संरक्षण भी प्राप्त था। घायल छात्रों और वहां मौजूद योगेंद्र यादव से लेकर कई पत्रकारों का कहना है कि जब छात्रों की पिटाई की जा रही थी, तब वहां की स्ट्रीट लाइट को बंद कर दिया गया था। दावा है कि पुलिस छात्रों को पीटने वाले गुंडों को रोकने के लिए भी कोई कदम नहीं उठा रही थी।
हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। पुलिस ने फिलहाल इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है। लेकिन अभी तक इस मामले में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जिसको लेकर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।