पूर्वी उत्तर प्रदेश में वाराणसी से सटे चंदौली जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। घटना को अंजाम देने का आरोप किसी शातिर अपराधी पर नहीं बल्कि वहीं के पुलिस वालों पर लगा है। पीड़ित परिवार आरोप लगा रहा है कि दर्जनों की संख्या में पुलिस वालों ने घर में घुसकर दो बहनों को मारा-पीटा, बड़ी बहन के साथ बलात्कार किया और उसकी जान ले ली।

ये मामला और भी जघन्य और शर्मनाक हो जाता है जब इसमें जाति का एंगल सामने आता है।

चंदौली स्थित कन्हैया यादव को गैंगस्टर बताकर पुलिस ने उनके घर दबिश दी। अधिकतर परिजनों की गैरमौजूदगी में पहुंची पुलिस ने घर में मौजूद दो बहनों को बुरी तरह से मारा पीटा। बड़ी बहन की जान चली गई। घायल छोटी बहन आरोप लगा रही है कि पुलिस वालों ने ना सिर्फ मारा-पीटा बल्कि बड़ी बहन के साथ बलात्कार भी किया। और कुछ देर बाद हत्या करके पुलिस वहां से फरार हो गई। घटना के तुरंत बाद के दो वीडियो सामने आए हैं जिनमें एक वीडियो में बड़ी बहन की लाश पड़ी हुई है और दूसरे वीडियो में घायल छोटी बहन आपबीती सुना रही है, साथी ही उसका भाई पुलिस वालों पर ज्यादती और हत्या का आरोप लगा रहा है।

घटना का वीडियो वायरल होते ही पूरे प्रदेश और देशभर में हाहाकार मच गया। प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने ना सिर्फ पुलिस पर हत्या और बलात्कार के आरोप लगाए बल्कि इसे जातीय रंजिश में की गई कार्यवाई भी बताया। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस वालों पर 302 के तहत केस दर्ज करने की मांग की।

हालांकि पूरे मामले पर सफाई देते हुए चंदौली के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कन्हैया यादव के घर पर सिर्फ पुलिस ने दबिश दी थी उसके बाद जो कुछ हुआ है वो आपसी पारिवारिक विवाद में हुआ होगा और संभव है कि लड़की ने आत्महत्या की है।

पुलिस की इस तरह की सफाई के बाद विपक्ष के नेता और भी ज्यादा हमलावर हो गए। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा-“चंदौली में दबिश के दौरान पुलिस द्वारा घर की बेटी को शारीरिक प्रताड़ना देने से हुई मौत को आत्महत्या दिखाने का आरोप बेहद गंभीर है। इसके लिए जाँच हो व दोषियों पर हत्या का मुक़दमा चले। भाजपा राज में पुलिस का राजनीतिक दुरुपयोग करने से ही यूपी पुलिस इतनी अधिक बेलगाम व क्रूर हो गयी है।”

इससे पहले समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने भी पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा था पीड़ित परिवार पर जाति देखकर कार्रवाई की गई है, नहीं तो धारा 151 के मामूली आरोपी के साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जाता। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के ये प्रवक्ता चंदौली के ही हैं और पीड़िता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे। अंतिम संस्कार की तस्वीरें साझा करते हुए मनोज सिंह काका ने लिखा – अतिसय पीड़ा के साथ चंदौली के उस बेटी को अंतिम विदाई दी जिसे पुलिस द्वारा मार दिया गया जिसकी उम्र अभी मात्र 22साल थी उसका गुनाह सिर्फ़ इतना था कि एक गरीब कन्हैया यादव की बेटी थी जिसके पिता सिर्फ़ धारा 151, विजली चोरी के आरोपी हैं ! मा.राष्ट्रीय अध्यक्ष जी पीड़ित परिवार के साथ हैं।

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