उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अब सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं। मंगलवार को अखिलेश ने लखनऊ में पार्टी मुख्यालय से सीएए और एनआरसी को लेकर साइकिल मार्च निकाला।
अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि ये कानून गरीबों के खिलाफ हैं। इसीलिए उन्होंने पार्टी मुख्यालय से विधानसभा तक सभी सपा विधायकों को हरी झंडी दिखाकर साइकिल मार्च निकाला।
समाजवादी पार्टी के सभी विधायक साइकिल से विधानसभा पहुंचे। अखिलेश ने एनपीआर का विरोध करते हुए कहा था कि, मैं कोई फॉर्म नहीं भरूंगा, मैं भारतीय हूं, मुझे इसका प्रमाण देने की जरुरत नहीं है।
उन्होंने लखनऊ में कहा 29 दिसम्बर को कहा था, “अगर जरुरत पड़ी तो पहला मैं हूँगा जो कोई फॉर्म नहीं भरेगा। सवाल ये है कि आप साथ दोगे की नहीं दोगे? नौवजवानों बताओ आपको एनपीआर चाहिए या रोजगार चाहिए।
हम तो हैं ही यहां के नागरिक, हम सब यहां के नागरिक हैं। कोई भारतीय जनता पार्टी का ये तय नहीं कर सकता कि हम भारत के नागरिक हैं की नहीं हैं।”
राष्ट्रीय अध्यक्ष @samajwadiparty आदरणीय श्री @yadavakhilesh जी ने आज पार्टी कार्यालय से माननीय विधायकों को #NRC #CAA #NPR का विरोध करने के लिए साइकिल यात्रा को झंडी दिखाकर विधानसभा के लिए रवाना किया।@AbbasAliRushdi @Y_Sangram @BhadauriyaAnand @sunilyadv_unnao @rajeshyadavmlc pic.twitter.com/9dlzFVRcpp
— समाजवादी Prashant Yadav (@PrashantyadvSP) December 31, 2019
अखिलेश ने आगे कहा था कि, “भाजपा संविधान की धज्जियाँ उड़ा रही है। इनसे भारत को बचाओ। क्योंकि इनके पास नौकरी नहीं है, आप बात समझे नहीं। ये अन्य इसीलिए हो रहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाना चाहते हैं।
जो लोग पुलिस की गोली से मारे गए हैं, उसका अगर कोई जिम्मेदार है तो वो बीजेपी की सरकार और मुख्यमंत्री खुद हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री जानते हैं कि उनके खिलाफ 200 बीजेपी सदन में बैठ गए थे और कभी बीजेपी के विधायकों का मन टटोला जाए तो 300 से ज्यादा विधायक उनके नाराज हैं। ये अपनी कुर्सी बचाने के लिए अन्याय कर रहे हैं।”
बता दें कि संसद से पारित 126 वें संविधान संशोधन के संकल्प पर विधार के लिए मंगलवार को विधानमंडल का एक दिवसीय सत्र बुलाया गया था। जिसमें सपा के विधायक शामिल होने के लिए साइकिल से गए।
इस दौरान सपा के विधायकों के हाथ में सीएए और एनआरसी के विरोध वाली तख्तियां थीं।