उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विकास यादव की उज्जैन में हुई अचानक गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने शक जताया है कि ये पहले से प्लान किया गया एक सरेंडर है।

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा, “ख़बर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी।” इसके साथ ही सपा सुप्रीमो ने मामले में सरकार और प्रशासन की बड़ी मिलीभगत की आशंका भी जताई।

उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा, “साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।” इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने विकास की गिरफ्तारी को सरेंडर बताते हुए मामले में मध्य प्रदेश बीजेपी के बड़े नेता की भूमिका होने का आरोप लगाया था।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “यह तो उत्तरप्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए प्रायोजित सरेण्डर लग रहा है। मेरी सूचना है कि मध्यप्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के सौजन्य से यह संभव हुआ है। जय महाकाल।”

बता दें कि एक हफ्ते पहले विकास ने कानपुर में उसकी तलाश में गए 8 पुलिसकर्मियों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। जिसके बाद से पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। ऐसा माना जा रहा था कि अगर दुबे यूपी पुलिस के हत्थे चढ़ता है तो उसका एनकाउंटर हो सकता है। लेकिन इससे पहले यूपी पुलिस उसे तलाश कर पाती मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ़्तार कर लिया। विकास मंदिर में छुपा है इस बात की जानकारी मंदिर के ही एक एक गार्ड ने पुलिस को दी थी।

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