उत्तर प्रदेश में 90 बीघा जमीन के विवाद में 10 लोगों की मौत हो गई है। प्रदेश को ‘अपराध मुक्त’ करने का दावा करने वाली योगी सरकार पूरी तरह से नाकाम हो चुकी है। इन मौतों से बद से बदतर होती जा रही कानून व्यवस्था की पोल खुल चुकी है। हैरान करने वाली बात ये भी है कि इस पूरे में विवाद में बिहार कैडर के एक आईएएस का भी नाम सामने आ रहा है।

दरअसल उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत मूर्तिया के उम्भा गांव में 90 बीघा जमीन के विवाद में गुर्जर और गोंड विरादरी के बीच हुए खूनी संघर्ष में एक ही पक्ष के 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 लोग घायल हैं।

इस नरसंहार में जिस आईएएस का नाम सामने आ रहा है उसने 2 साल पहले पूर्व आईएएस आशा मिश्रा और उनकी बेटी ने यह जमीन ग्राम प्रधान यज्ञदत्त को बेच दी थी। इसी जमीन पर कब्जे के लिए ग्राम प्रधान करीब 200 हमलावरों के साथ पहुंचा था। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो सैकड़ों राउंड फायरिंग कर लाशें बिछा दी गईं।

जानकारी के मुताबिक लगभग 30 ट्रैक्टर ट्रालियों से गुंडे भरकर ले आने वाले भू-माफिया ने 9 आदिवासियों की बेरहमी से हत्या कर दी। यहां 100 बीघे जमीन को लेकर एक पुरानी रंजिश के चलते इस घटना को अंजाम दिया गया।

जिस जमीन को लेकर विवाद हुआ है वो जमीन प्रधान ने दो साल पहले ही खरीदी थी। बुधवार को प्रधान अपने लोगों के साथ जमीन कब्जाने पहुंच गया। इसपर स्थानीय लोगों ने विरोध किया, जिसके बाद फायरिंग शुरू हो गई। दोनों पक्षों से लोग गड़ासा, कुदाल, फावड़ा लेकर एक दूसरे को मारने के लिए टूट पड़े।

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश ने कहा- मैं चुनाव में जो कहता था वही आज भी यू॰पी॰ में हो रहा है। जनता पुलिस को ‘ठोक’ रही है और पुलिस जनता को ‘ठोक’ रही है। सोनभद्र का कांड पूरे प्रदेश की हालत बता रहा है। भाजपा सरकार को यह समझना चाहिए: अगर सामाजिक अस्थिरता रही तो आर्थिक स्थिरता नामुमकिन है।

वहीँ आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मीडिया पर सवाल उठाते हुए लिखा- सोनभद्र में दिन दहाड़े, सरे आम नौ लोगों की हत्या, लेकिन किसी चैनल की मजाल है जो कहे, ये गुंडाराज है……….कुछ गूँगे हैं, कुछ ग़ुलाम और कुछ बे-लगाम।

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