उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं ऐसे में बड़े उलटफेर की आशंका पहले से जताई जा रही थी। आचार संहिता लागू होने के कुछ ही दिन बाद ये आशंका हकीकत में बदल गई और योगी सरकार में मौजूद ओबीसी समाज के सबसे कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दे दिया।

इसके साथ इस बात की भी पुष्टि हो गई है कि स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी के साथ जा रहे हैं। अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ अपनी तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा- “सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा”

इसके साथ ही इस बात की भी चर्चा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ एक दर्जन से ज्यादा विधायक भाजपा का साथ छोड़ने वाले हैं अगर ऐसा होता है तो न सिर्फ आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कमजोर होगी बल्कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कमजोर होगी क्योंकि उन पर सीधा आरोप लगेगा-पिछड़े नेताओं को साथ लेकर नहीं चल सकते हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा देते हुए फेसबुक पर लिखा है- “माननीय राज्यपाल जी, राज भवन, लखनऊ,उत्तर प्रदेश। महोदय, माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।”

एक और फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा – “दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूँ।”

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