पिछले दिनों केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपना मंत्रिमंडल विस्तार किया। प्रचारित किया गया कि ये देश का अब तक सबसे शिक्षित और युवा मंत्रिमंडल विस्तार है लेकिन यह नहीं बताया गया कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में हत्या के आरोपियों को भी शामिल किया गया है।

यहां तक कि एक ऐसा मंत्रिमंडल विस्तार किया गया है जिसमें हत्या, हत्या की कोशिश, डकैती, लूट और महिला अस्मत के साथ खिलवाड़ के आरोपी को ही गृह मंत्रालय का राज्य मंत्री बना दिया गया है।

कांग्रेस नेता अलका लांबा ने ट्वीटर के जरिए इस नए मंत्रिमंडल विस्तार पर निशाना साधा है।

अलका ने मोदी सरकार के नए गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक का चुनावी हलफनामा शेयर किया है और कहा है कि देश और देश की महिलाओं को मोदी मंडल में मिले नए गृह राज्य मंत्री श्री निसिथ प्रमाणिक मुबारक हों !

अलका ने लिखा है कि “2019 के लोकसभा चुनाव में उनके द्वारा चुनाव आयोग को दिया हुआ हलफनामा बता रहा है कि मंत्री जी पर हत्या, हत्या की कोशिश, डकैती, लूट, महिलाओं की अस्मिता के साथ खिलवाड़ सहित कई अन्य गैर जमानती मामले दर्ज हैं”

पश्चिम बंगाल के कूच विहार लोकसभा सीट से सांसद निसिथ प्रमाणिम राजवंशी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

निसिथ प्रमाणिक ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से की थी, बाद के दिनों में निसिथ भाजपा के साथ चले गए।

निसिथ जब ममता बनर्जी की पार्टी के साथ थें तब उनके आपराधिक मुकदमों को लेकर विपक्ष खूब आरोप लगाया करता था, लेकिन भाजपा में आते ही निसिथ न सिर्फ सांसद बनें बल्कि अब गृह राज्य मंत्री भी बन गए।

इस देश की राजनीति में इन दिनों एक नई परंपरा विकसित होती जा रही है। जब तक कोई शख्स कांग्रेस या किसी दूसरी विपक्षी पार्टी में होता है, वह तब तक देशद्रोही, अपराधी और भ्रष्टाचारी होता है।

वह जैसे ही भाजपा में शामिल हो जाता है, या तो उसके दाग अच्छे हो जाते हैं या फिर उसके सारे पाप धुल जाते हैं। भाजपा जैसे एक पार्टी न हुई बल्कि गंगा हो गई, जिसमें नहाते ही सारे पाप धुल जाते हैं।

हद तो इस बात है कि गृह मंत्रालय जैसा अहम विभाग, जिस पर कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी और जवाबदेही होती है, उसी मंत्रालय को एक ऐसे शख्स को सौंप दिया जाता है, जिस पर इतने संगीन मुकदमे दर्ज हो।

यह पहली बार नहीं है, मोदी सरकार ऐसे कई कारनामों को अंजाम दे चुकी है। जिस स्मृति ईरानी की डिग्री को लेकर इतने विवाद थें, उन्हें ही शिक्षा मंत्रालय देकर मोदी सरकार सबको हैरत में डाल चुकी है।

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