मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों को विरोध कर रहे किसानों को बदनाम करने की तमाम तरह कोशिशें की जा रही हैं। सत्तारूढ़ पार्टी और मीडिया के एक तबके द्वारा कभी उन्हें आतंकवादी – खालिस्तानी तो कभी चीन-पाकिस्तान का एजेंट बताया जा रहा है।

किसानों पर इस तरह के आरोप लगाए जाने से लोगों ने भारी नाराज़गी है। अब किसानों को आतंकवादी कहने जाने के ख़िलाफ़ फ़ौजियों ने भी मोर्चा खोल दिया है।

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। जिसमें फौजी की यूनिफॉर्म ने एक शख़्स हाथों में तख्ती लिए खड़ा दिखाई दे रहा है। तख्ती पर लिखा है, “मेरे पिता किसान हैं। अगर वो आतंकवादी हैं तो मैं भी आतंकवादी हूँ।”

इस तस्वीर को पत्रकार विनोद कापड़ी ने भी ट्विटर पर शेयर किया है। इसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, “फ़ौजी वर्दी में ये सिख युवक ( संभवत: सैनिक ) एक नोट ले कर खड़ा है, जिस पर लिखा है : “मेरे पिता किसान हैं। अगर वो आतंकवादी हैं तो मैं भी आतंकवादी हूँ ”।

उन्होंने इसपर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने लिखा, “ये सब देखना दुखद है। इस देश के पूरे ताने बाने को पिछले 73 साल में मोदी से ज़्यादा किसी ने इतना तबाह नहीं किया”।

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी किसानों को आतंकवादी कहे जाने पर आपत्ति दर्ज की।

उन्होंने कहा कि किसानों को बदनाम करने के लिए कहा जाता है कि किसान आतंकवादी हैं, देशद्रोही हैं, किसान टुकड़े-टुकड़े गैंग और चीन-पाकिस्तान के एजेंट हैं।

बता दूं इन्हीं किसानों के भाई-बेटे चीन और पाकिस्तान के बॉर्डर पर बैठकर देश की सुरक्षा कर रहे हैं।

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