भारतीय सेना के पूर्व अधिकारियों ने एशियन न्यूज इंटरनेशनल (ANI) के खिलाफ शिकायत की है। कुछ समय पहले ही इन अधिकारियों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने सेना के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ अपील की थी। इन अधिकारियों ने एएनआई पर इसकी गलत रिपोर्टिंग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी थॉमसन रॉयटर्स से इसकी शिकायत की।

टेलीग्राफ में प्रकाशित खबर में अनुसार, सेना के एक रिटायर्ड मेजर प्रियदर्शी चौधरी ने बीजेपी को इसके पीछे की वजह बताया। उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि एएनआई ने भारत के सत्तारूढ़ दल (भाजपा) के आदेश पर हमारे वक्तव्यों को गलत तरीके से पेश किया और हमारे इरादों को बदनाम किया।’

पूर्व सेना अधकारियों ने 12 अप्रैल को गलत रिपोर्टिंग के चलते एएनआई द्वारा बताई खबर के सन्दर्भ में शिकायत दर्ज की है। एएनआई ने लिखा था कि कुछ रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों ने सेना के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र का समर्थन करने से इनकार किया है। ये वहीं पत्र है जिसमे राष्ट्रपति से अपील की गई थी कि वे चुनाव में राजनीतिक दलों को मुद्दा बनाने से रोकें।

एएनआई ने दावा किया था कि पत्र लिखने वालों में बताए गए नामों में कुछ पूर्व शीर्ष अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने कोई पत्र नहीं लिखा है और न ही वो इसका समर्थन करते हैं. इनमें से एक नाम पूर्व उप-सेनाप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमएन नायडू का था। एएनआई ने नायडू का हवाला देते हुए लिखा था, ‘ऐसा कोई पत्र लिखने से पहले मेरी सहमति नहीं ली गई और न ही मैंने ऐसा कोई पत्र लिखा है।’ इसके दो दिन बाद 14 अप्रैल को नायडू ने ऐसा कोई बयान देने से अपने हाथ पीछे कर लिए।

उन्होंने कहा कि एएनआई ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर गलत तरह से पेश किया है। अन्य पूर्व सैनिकों ने भी कहा था कि बीती आठ अप्रैल को रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल नायडू ने ईमेल के जरिये राष्ट्रपति को पत्र लिखने का समर्थन किया था। बता दें सेना के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ राष्ट्रपति से अपील करने वालों की संख्या 156 से बढ़कर 422 हो गई है।

एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश ने मामले से खुदको पीछे हटा लिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं कहना है। इस चुनाव राजनीतिक दलों ने कई बार सैनिकों के नाम पर वोटों की राजनीति की।

पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक का सारा श्रेय लेने बीजेपी सबसे आगे पहुंच गई। सर्जिकल स्ट्राइक को पीएम मोदी से जोड़कर दिखाया गया।ऐसे में पूर्व सेना अधिकारीयों का पत्र लिखा जाना जायज़ है।

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