कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूछताछ कर रहा है और इस पूछताछ का लाइव कवरेज भी मीडिया में जारी है। मीडिया अपने दर्शकों/पाठकों को ईडी के हर सवाल और राबर्ट वाड्रा के हर जवाब का लाइव अपडेट दे रहा है।

समाचार चैनल आज तक ने ईडी दफ्तर में जारी पूछताछ की जानकारी देते हुए अपने पोर्टल पर लिखा, “पूछताछ में रॉबर्ट वाड्रा से उनके मनोज अरोड़ा, सुमित चड्ढा, सी थांपी और संजय भंडारी के साथ संबंधों पर बात की गई। इसके अलावा लंदन की प्रॉपर्टी पर भी वाड्रा से सवाल-जवाब हुए”।

चैनल ने यह भी बताया कि ईडी के सवाल पर रॉबर्ट वाड्रा ने क्या जवाब दिया। चैनल के मुताबिक, “वाड्रा ने इस दौरान लंदन में संपत्ति होने की बात तो ठुकराई लेकिन मनोज अरोड़ा के बारे में कहा कि वह उन्हें जानते हैं, लेकिन अरोड़ा ने कभी उनके लिए मेल नहीं किया”।

चैनल ने इस बात का भी अपडेट दिया कि रॉबर्ट वाड्रा ईडी दफ्तर में अपना चश्मा नहीं लाए थे, जिसकी वजह से पूछताछ में देरी हुई। ऐसा नहीं है कि सिर्फ आजतक ही इस पूछताछ को लाइव कवर कर रहा है। आज तक की तरह ही लगभग मेनस्ट्रीम मीडिया के सभी चैनल हर मिनट ये ख़बर दिकाते नज़र आ रहे हैं कि ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा से क्या पूछा।

मीडिया के इसी रवैये पर पत्रकार आशुतोष मिश्रा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “ऐसा पहली बार हुआ जब एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट किसी से पूछताछ कर रही है और हर मिनट खबर मीडिया में आ रही है कि रॉबर्ट वाड्रा से ईडी ने क्या पूछा, उस सवाल पर उन्होंने क्या जवाब दिया। यही करना था तो किसी टीवी स्टूडियो में कर लेते। पूछताछ का तमाशा भी होता, चैनल को रेटिंग भी मिलती”।

अब सवाल यह उठता है कि आख़िर मीडिया इस मामले में इतनी दिलचस्पी क्यों दिखा रहा है? क्या इस वक्त कोई ऐसी ख़बर नहीं है जिसे राबर्ट वाड्रा से पूछताछ पर तरजीह दी जाए। बढ़ती बेरोज़गारी के टूटते रिकॉर्ड पर मौन रहने वाला मीडिया रॉबर्ट वाड्रा के मामले में इतना शोर क्यों मचा रहा है?

ईडी की इस पूछताछ की टाइमिंग को देखें तो इन सवालों के जवाब बेहद आसान हो जाते हैं। ज़ाहिर है लोकसभा चुनाव से ठीक पहले की गई इस कार्रवाई का मक़सद राजनीतिक फायदा उठाना है।

वर्ना जो नरेंद्र मोदी सत्ता में आने से पहले पानी पी-पी कर रॉबर्ट वाड्रा के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की बात करते थे, उन्हें चुनाव से ठीक पहले ही इस मामले की याद क्यों आई? इससे साबित होता है कि सत्ताधारी बीजेपी इस मामले को लोकसभा चुनाव में भुनाना चाहती है और मीडिया पार्टी के इस मक़सद में उसकी मदद कर रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here