नागरिकता संशोधन विधेयक के दोनों सदनों से पास होने के बाद असमी अभिनेता जतिन बोरा ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले बिल का विरोध करते हुए असम के और अभिनेता रवि शर्मा ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
बिल को लेकर बीजेपी के खिलाफ़ सबसे पहले मोर्चा सिंगर ज़ुबीन गर्ग ने खोला था। ज़ुबीन वही सिंगर हैं जिन्होंने 2016 में बीजेपी के चुनाव कैंपेन के लिए गाना गाया था। ज़ुबीन ने ही जतिन बोरा से अपील की थी कि वह नागरिकता बिल के विरोध में बीजेपी से इस्तीफा दें।
इस पर जतिन बोरा ने जवाब दिया था कि मेरी भाषा और संस्कृति मेरे लिए सब कुछ है। मैं आज जो कुछ भी हूं, असम (Assam) के लोगों की वजह से ही हूं। मैं समुदाय, भाषा और संस्कृति को बचाने के लिए उठाए गए असम के लोगों के हर कदम की इज्जत करता हूं।
जब जतिन ने असम के लोगों को बिल का विरोध करते देखा तो उन्होंने अपने लोगों के साथ खड़े होने का फैसला किया और गुरुवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। जतिन बोरा 2014 में पार्टी में शामिल हुए थे। बोरा राज्य सरकार के असम स्टेट फिल्म फाइनेंस डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अध्यक्ष भी हैं।
जतिन से पहले BJP नेता एवं असमी अभिनेता रवि शर्मा ने इस बिल का विरोध करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वह इसी साल अगस्त में बीजेपी में शामिल हुए थे।
ग़ौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कर दिया। सदन ने बिल को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। इससे पहले सोमवार को लोकसभा में ये बिल 311-80 के बहुमत से पास हो गया था।
बिल भले ही दोनों सदनों से पास हो गया हो लेकिन इसका विरोध व्यापक तौर पर देखने को मिल रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों में तो इस बिल को लेकर बवाल की स्थिति बनी हुई है। इन राज्यों में बिल के खिलाफ़ इस स्तर पर प्रदर्शन हो रहे हैं कि इसे रोकने के लिए आर्मी को तैनात किया गया है।
पूर्वोत्तर राज्यों में इस बिल का विरोध इसलिए हो रहे हैं, क्योंकि वहां के मूलनिवासियों को लगता है कि अगर ये इस बिल कानून बन गया तो इसके तहत लाखों शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी। जिससे उनकी पहचान और आजीविका खतरे में आ जाएगी।