भले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी की पुलिस को इस बात के लिए फटकार लगाई हो कि भड़काऊ भाषण देने वाले बीजेपी (BJP) नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) अनुराग ठाकुर प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा पर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हो रही है लेकिन भाजपा सरकार (Bjp Government) और उसके आदेश पर चल रहे प्रशासन को इसकी कोई जरूरत नहीं महसूस होती है।
हां यही बीजेपी की सरकार यूपी (Uttar Pradesh) में जरूर मुस्तैदी दिखाती है और एक पुराने मामले में आजम खान (Azam Khan) को हिरासत में लेकर जेल भेज देती है।
इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए (SP Leader Richa Singh) समाजवादी पार्टी की युवा नेता ऋचा सिंह कहती हैं- ‘आज़म खां पहली बार इमरजेंसी में जेल गये और अब अघोषित आपातकाल में फिर जेल जाना बेहतर समझा पर सरकार के खिलाफ झुके नहीं और न ही संसद में खड़े होकर आँसू बहाये।
यह न्यायिक हिरासत नहीं बल्कि साम्प्रदायिक विरासत है। प्रतिशोध की राजनीति का ज्वलंत उदाहरण है ये। लोगों को भड़काने वाले अनुराग ठाकुर, ओवैसी, कपिल मिश्रा, वारिस पठान सड़कों पर नफऱत फैला रहे हैं और विश्वविद्यालय बनाकर शिक्षा देने वाले #आज़म खान जी को जेल भेज दिया गया है।
लोकतंत्र में एक और काला दिन शिक्षा को जेल, नफ़रत को खाद-पानी देने का भारतीय जनता पार्टी का काम इतिहास में दर्ज होगा।’