Delhi Violence: दिल्ली में भड़की हुई हिंसा को गंभीरता से लेते हुए कल (Delhi High Court Judge) दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश (Justice Muralidhar) जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के प्रतिनिधि को जमकर फटकार लगाई थी। उन्होंने सवाल किया था कि जब कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा और अभय वर्मा जैसे नेताओं के भड़काऊ भाषण पब्लिक डोमेन में चल रहे हैं तो अभी तक उनके खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई है?
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एफआईआर (FIR) दर्ज करने में जितनी देर की जाएगी हालात उतने ही बिगड़ते चले जाएंगे। निर्देश चेतावनी और फटकार के साथ ही उन्होंने अपनी नाराज़गी भी जाहिर की और दिल्ली पुलिस के प्रतिनिधि को कहा- जाकर पुलिस कमिश्नर से कह दीजिए कि अदालत उनके रवैए से खुश नहीं है।
दंगा भड़काने वाले कपिल मिश्रा को सपोर्ट और विश्वविद्यालय बनाने वाले आज़म खान को जेल! ये कैसा न्याय है?
जब सभी संस्थाएं सरकार के सामने घुटने टेक चुकी हैं तो एक वरिष्ठ जज द्वारा न्याय संगत बातें करना लोगों को बेहद रास आया और अचानक ही जस्टिस मुरलीधर के समर्थन में सोशल मीडिया पर माहौल बनने लगा ।
हालांकि जस्टिस मुरलीधर की यह दिलेरी सरकार और शीर्ष न्यायाधीशों को नहीं पसंद आई होगी तभी तो कुछ घंटों के अंदर ही नया नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया- जिसके मुताबिक उनका ट्रांसफर (Punjab and Haryana High Court) पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया। कहने को तो यह फैसला बहुत पहले किया जा चुका था लेकिन उनके ट्रांसफर के नोटिफिकेशन की टाइमिंग अपने आप में कहानी बयां करती है।
दंगे कभी अपने आप नहीं होते, करवाए जाते हैं, प्रशासन के सहयोग से हिंसा भड़काई जाती है : पूर्व IAS
इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष (Rahul Gandhi) राहुल गांधी कहते हैं – ”बहादुर जज लोया को याद कर रहा हूं जिनका ट्रांसफर नहीं हुआ था।”
Remembering the brave Judge Loya, who wasn’t transferred.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 27, 2020
गौरतलब है कि एक हाईप्रोफाइल मामला देखने वाले जज लोया की मौत अभी भी एक रहस्य बनी हुई है। विपक्षी दलों के तमाम नेता अमित शाह को उनकी मौत का साजिशकर्ता बताते हैं।