आज यानी 17 जनवरी को देश रोहित वेमुला का स्मृति दिवस मना रहा है। तीन साल पहले हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली थी।

इस घटना के बाद पूरे देश में दलितों प्रतिरोध देखने को मिला था। कई सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र और नेता रोहित वेमुला की आत्महत्या को सांस्थानिक हत्या मानते हैं।

भीम आर्मी चीफ चंद्रेशखर आजाद रावण ने रोहित को याद करते हुए ट्वीट किया है कि ‘मैं विश्वास दिलाता हूँ जिस दिन बहुजन सरकार बनेगी भाई रोहित के दोषियों को सज़ा दिलाई जाएगी चाहे वो मंत्री हो या सन्तरी हो। रोहित भाई की शहादत बेकार नही जाएगी। रोहित भाई को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।’

बता दें कि 17 जनवरी 2016 को हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में समाजशास्त्र विभाग के पीएचडी स्कॉलर रोहित वेमुला का मृत शरीर टंगा मिला था। हॉस्टल में रोहित वेमुला का लिखा एक पत्र मिला था। इस पत्र ने देश में ऐसा आंदोलन खड़ा किया कि मोदी सरकार को तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी का विभाग बदलना पड़ा।

आत्महत्या के पहले रोहित वेमुला के साथ जो हुआ था, उसे याद करना किसी भी संवेदनशील इंसान के लिए आसान नहीं है। दरअसल मामले की शुरूआत आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन और आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी के बीच हुए एक मारपीट से शुरू हुई थी।

मारपीट की घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक जांच बिठाई। केंद्रीय मंत्री बंदारु दत्तात्रेय ने इस घटना पर स्मृति ईरानी से कार्रवाई करने का अनुरोध किया। स्मृति ईरानी ने वाइस चांसलर पी. अप्पा राव को कई पत्र लिखकर कार्रवाई करने का दबाव बनाया।

वाइस चांसलर पी. अप्पा राव ने रोहित वेमुला समेत आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के कई छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया। ये छात्र विश्वविद्लाय के चौराहे पर रहने लगे। यहीं रहने के दौरान एक दिन रोहित वेमुला हॉस्टल गए और फिर वहां से उनकी लाश निकली।

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