आयकर विभाग और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 300 जवानों और अफसरों के साथ रविवार सुबह लगभग 3 बजे 3 राज्यों के 50 ठिकानों पर छापा मारा। ये कार्रवाई सोमवार तक जारी रही।

ये छापा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के क़रीबियों के ठिकानों पर हो हुई। बीबीसी के मुताबिक, CBDT ने दावा किया है कि दिल्ली के तुग़लक़ रोड स्थित एक VIP शख़्स के घर से 20 करोड़ नक़द एक बड़े दल के दिल्ली स्थित मुख्यालय भेजे गए।

Government of India, Ministry of Finance, Department of Revenue, Central Board of Direct Taxes इन तीनों के मुताबिक एक बड़े रैकेट के ज़रिए 281 करोड़ के अवैध लेनदेन का पता चला है।

इस छापेमारी से जुड़े तमाम तथ्य को सरकार की एजेंसियों ने सोमवार देर रात सार्वजनिक की। लेकिन कमाल की बात ये है कि इस छापेमारी से जुड़ी कई बड़ी जानकारी बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सरकारी एजेंसियों से लगभग 11 घंटे पहले ही सार्वजनिक कर चुके थे।

सरकार की एजेंसियों द्वारा छापे की बात बताने के करीब 11 घंटे पहले (10:53 AM) कैलाश विजयवर्गीय ने एक ट्वीट किया था। उस ट्वीट में लिखा था ‘मध्य प्रदेश में तबादला एक्सप्रेस पटरी से उतरने के कारण दुर्घटनाग्रस्त। जान का कोई नुकसान नहीं लेकिन 281 करोड़ के माल के नुकसान का अनुमान।’ ट्वीट के साथ दो हंसने वाली इमोजी

जाहिर है इसमें सीधे-सीधे कुछ नहीं लिखा है लेकिन जो लिखा है वो समझने के लिए काफी है। सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जाने के बाद कैलाश विजयवर्गीय इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। अब सवाल उठता है कि क्या आयकर विभाग और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सबसे पहले कैलाश विजयवर्गीय को रिपोर्ट करते हैं? क्या मोदी सरकार संवैधानिक संस्थाओं का गलत इस्तेमाल नहीं कर रही?

वरिष्ठ पत्रकार साक्षी जोशी ने इस घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए लिखा है ‘कमलनाथ के निजी सचिव के यहाँ 281 करोड़ मिलने वाले हैं ये CBDT के आधिकारिक एलान से पहले बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को कैसे पता था? उन्होंने 8 अप्रैल को 10.53am पर ही ट्वीट कर दिया था। अब वो डिलीट भी किया जा चुका है।’

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