तमिलनाडु में 11 साल बाद हुए शहरी निकाय चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं। इस चुनाव में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK)ने जबरदस्त जीत हासिल की है। पार्टी ने 200 में से 153 सीटों पर जीत दर्ज की है। AIADMK (अन्नाद्रमुक) गठबंधन के साथ मैदान में उतरी थी, फिर भी 15 सीट ही जीत पायी। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी के गृह क्षेत्र सेलम में भी AIADMK को हार का सामना करना पड़ा है।
वहीं अकेले चुनाव लड़ने वाली भाजपा का तमिलनाडु शहरी निकाय चुनाव में पहली बार खाता खुला है। चेन्नई के वार्ड नंबर 134 में भाजपा की उमा आनंदन ने जीत हासिल की है। पश्चिम मंबलम से जीतने वाली उमा आनंदन चुनाव प्रचार के समय से ही विवादों में थीं। द न्यूज मिनट की एक खबर के मुताबिक, उमा आनंदन गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसक हैं। सार्वजनिक रूप से नाथूराम गोडसे की तारीफ भी कर चुकी हैं। इसके अलावा इनके द्वारा मुसलमानों और ईसाईयों को लेकर की गई टिप्पणी पर भी विवाद हो चुका है।
"I am a proud supporter of Godse, a Hindu, who killed #Gandhi quite late. Had the killer been someone else, #Gandhi could have been killed even earlier" – Lone BJP councillor Uma Anandan who won the ward 134 of #Chennai Corporation in the #TamilNadu #UrbanLocalBodyElection2022. https://t.co/yt0xrTmEGa pic.twitter.com/Pf4i5Pob9D
— சிலம்பரசன் (@chilamb_arasan) February 22, 2022
भाजपा नेत्री उमा आनंदन की जीत के बाद इनके पुराने साक्षात्कार के क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। इनमें वो कास्ट सिस्टम का बचाव करते, ब्राह्मण वर्चस्व का पक्ष रखते और दलित नेताओं-कार्यकर्ताओं के लिए अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करते नजर आ रही हैं। जाति उन्मूलन के लिए अभियान चलाने वाले पेरियार को लेकर इनकी भाषा में अधिक कठोरता है। कुल मिलाकर भाजपा नेत्री उमा आनंदन जातिवादी और दलित विरोधी हैं। गैरबराबरी और असमानता की पक्षधर हैं।
उमा आनंदन की जीत पर टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखा है, इतनी बड़ी चेन्नई में बीजेपी का एक पार्षद जीता और वो भी नमूना है। गोडसे पूजक, दलितों को अपशब्द कहने के लिए बदनाम। चेन्नई के एकमात्र ब्राह्मण बहुल इलाक़े की विजेता। वैसे इनको चेन्नई की जिस मेयर के अधीन काम करना होगा, वो दलित महिला हैं।
इतनी बड़ी चेन्नई में बीजेपी का एक पार्षद जीता और वो भी नमूना है। गोडसे पूजक, दलितों को अपशब्द कहने के लिए बदनाम। चेन्नई के एकमात्र ब्राह्मण बहुल इलाक़े की विजेता। वैसे इनको चेन्नई की जिस मेयर के अधीन काम करना होगा, वो दलित महिला हैं। #tamilnadulocalbodyelection2022 https://t.co/f3FSn7Bfji
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) February 22, 2022
बता दें कि 19 फरवरी को हुए चुनाव में 60.70 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। जिन 21 निगमों में चुनाव हुआ उनमें चेन्नई में सबसे कम 43.59 फीसदी जबकि, सबसे ज्यादा 75.84 फीसदी मतदान करूर में हुआ था।