”मोदी जी इलाहाबाद, झांसी और हबीबगंज के नाम ही बदलते रह गए। इधर चीन ने घर में घुसकर अरुणाचल के 15 जगहों के नाम बदल दिए। लेकिन भक्त मोदी जी से सवाल नहीं पूछेंगे नेहरू जी से पूछेंगे?” ये कहना है पत्रकार और लेखक पीयूष बबेले का।

दरअसल, अंग्रेज़ी दैनिक ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक खबर से पता चला है कि चीन ने अरुणाचल के 15 जगहों का नाम बदल दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने जांगनान (अरुणाचल प्रदेश का चीनी नाम) के 15 स्थानों के नामों को चीनी, तिब्बती और रोमन में जारी किया है। इनमें से 8 रिहाइशी स्थान हैं, 4 पहाड़, 2 नदियाँ और एक पहाड़ी दर्रा।

नामों को बदलने की घोषणा चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने की है। चीन के इस कदम की जानकारी मिलते ही भारत ने पलटवार किया है। भारत ने अरुणाचल को चीन का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा है कि नए नाम रख देने से तथ्य नहीं बदलेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश राज्य में स्थानों के नाम बदलने को कोशिश की है। चीन ने अप्रैल 2017 में भी नाम बदलने का प्रयास किया था।

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