उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लेखपाल की कथित ‘पारदर्शी भर्ती’ को लेकर जनता से झूठ बोला है।

मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ‘दुर्गेश चौधरी’ नाम के व्यक्ति का वीडियो शेयर करते हुए दावा किया था कि उसने उन्हें सरकारी नौकरी की चयन प्रक्रिया के लिए धन्यवाद दिया है।

मुख्यमंत्री ने अपने आधारिक ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “सरकारी नौकरी हेतु आयोजित परीक्षाओं के समयबद्ध परिणामों एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए श्री दुर्गेश चौधरी। श्री दुर्गेश चौधरी जी की नियुक्ति राजस्व लेखपाल पद पर पूर्ण पारदर्शिता के साथ हुई।”

इसके बाद उनके इस दावे पर सवाल उठने लगे और ट्वीट डिलीट कर दिया गया क्योंकि लेखपाल की कोई भर्ती आई ही नहीं।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेरा ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए ट्वीट किया- “मुख्यमंत्री जी के आधिकारिक अकाउंट से दुर्गेश चौधरी नामक व्यक्ति का वीडियो डाला गया जिसमें उसने लेखपाल की पारदर्शी भर्ती के लिए योगी जो को धन्यवाद दिया।

अब पता चला है 5 साल से लेखपाल की कोई भर्ती ही नहीं आयी है, पोल खुलते ही ट्वीट डिलीट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री का यह स्तर?”

सोशल मीडिया पर भी योगी आदित्यनाथ की जमकर आलोचना हुई। युवा हल्ला बोल के अनुपम कुमार ने लिखा-

का हो महाराज? उत्तर प्रदेश के युवा तो कह रहे हैं कि आपके कार्यकाल में लेखपाल की कोई भर्ती निकली ही नहीं है!

तो फिर दुर्गेश जी किस मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं? वैसे भी उन्होंने वीडियो में आपका नाम नहीं लिया है, फिर भी आप उनकी भर्ती को अपनी उपलब्धि क्यों बता रहे हैं?

पत्रकार रणविजय सिंह ने कहा “दुर्गेश चौधरी जी का नाम गिनीज बुक में होगा दर्ज। एक दिन की सरकारी नौकरी पाने वाले पहले शख्स बने दुर्गेश।”

मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस तरह के झूठे दावों का प्रचार-प्रसार हो रहा है, वो भी तब जब ‘फ़र्ज़ी खबर’ के आरोप में राज्य के पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में रहना पड़ा हो।

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