मोदी सरकार में इस समय देश में रोजगार ख़त्म हो रहे हैं, लेकिन सरकार इसे मानने से हमेशा इनकार करती रही है। इस बीच एक रिपोर्ट आई है जिसमें ये सामने आया कि पिछले छह साल में 90 लाख लोगों का रोजगार छिन गया है। यह रिपोर्ट अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ सस्टेनेबल इम्प्लॉयमेंट ने जारी की है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आज़ाद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब रोजगार में इतनी भारी गिरावट आई है। ये रिपोर्ट साल 2011-12 और 2017-18 के दौरान की है। यही नहीं हर साल 26 लाख नौकरियां जाती रहीं मगर मोदी सरकार देश को सब कुछ अच्छा है बताती रही है।

इस रिपोर्ट को अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के संतोष मेहरोत्रा और जेके पारिदा ने सेंटर ऑफ सस्टेनेबल इम्प्लॉयमेंट के लिए तैयार किया है। रिपोर्ट बनाने वाले संतोष मेहरोत्रा जेएनयू में प्रोफेसर है और जेके पारिदा पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं।

इस पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा- देश में रोज़गार के आँकड़ों में सबसे बड़ी गिरावट: रोजगार के मोर्चे पर पिछले 6 साल में आज़ाद भारत के इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज, 90 लाख से अधिक रोजगार ख़त्म हुये हैं। रोज़ी छीनी, रोटी छीनी, छीन लिया रोज़गार, देश की तबाही का नया नाम है मोदी सरकार।

इससे पहले सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) की एक रिपोर्ट से इस बात का ख़ुलासा हुआ था कि देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी की मार झेल रहे 10 राज्यों में से 6 में बीजेपी की सरकार है।

CMIE के सितंबर में किए गए सर्वे के मुताबिक, त्रिपुरा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर है। इसके अलावा इस सर्वे में सामने आया है कि वर्तमान में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है। और इन सभी राज्यों में बीजेपी की सरकार है। इस लिस्ट में देश की राजधानी दिल्ली भी शामिल है।

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