देश आर्थिक मंदी की चपेट से निकलने का नाम नहीं ले रहा है। जिसको लेकर मोदी सरकार मुश्किल में घिरी हुई नज़र आ रही है। लगातार देश की बड़े-बड़े उद्योग घराने कंगाल होते जा रहे है। वहीं अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय एजेंसियां भारत की इस गिरती अर्थव्यवस्था के जल्दी उबरने के दिन बहुत दूर बता रहे हैं।

आपको बता दें कि देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कुल मिलाकर करीब 74,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। वहीं टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड और एयरटेल को इस तिमाही तगड़ा झटका लगा है, दोनों कंपनियों का कहना है कि समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की वजह से उसे बड़ा घाटा हुआ है। अब दोनों कंपनियां सरकार से राहत की उम्मीद कर रही है जो सरकार खुद आर्थिक मंदी की दलदल में देश को डूबा चुकी है।

दरअसल वोडाफोन आइडिया को दूसरी तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये का बड़ा घाटा हुआ है। पिछले साल  दूसरी तिमाही में कंपनी को 4,947 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। भारत के इतिहास में वोडाफोन-आइडिया का यह सबसे बड़ा तिमाही घाटा है। इससे पहले टाटा मोटर्स को दिसंबर, 2018 में समाप्त तिमाही के दौरान 26,961 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

बता दें कि जबसे भारत के टेलिकॉम उद्योग में रिलायंस जिओ ने एंट्री मारी है, तब से तमाम अलग-अलग कंपनियों को कड़ा कॉम्पटीशन और नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल समायोजित सकल आय (एजीआर) पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद वोडाफोन-आइडिया, एयरटेल और अन्य दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनियों पर सरकार की कुल 1.4 लाख करोड़ रुपये की देनदारी बनती है। इसके चलते कंपनियों पर स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और राजस्व में सरकार की हिस्सेदारी जैसी मदों में देनदारी अचानक बढ़ गयी है।

इस मामले में कॉग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- ‘वोडाफोन घाटे में, एयरटेल घाटे में, BSNL और MTNL बन्द होने की कगार पर, BPCL घाटे में, SAIL घाटे में, HAL को घाटे में लाने की कोशिशें जारी, एयर इंडिया भी बिकने की कगार पर, केवल शाह-जादा का धंधा ही चंगा सी’.

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