केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इजराइली कंपनी द्वारा भारतीय पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने व्हाट्सएप से इसपर जवाब मांगा है। इस स्पाईवेयर की मदद से पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा था।
केंद्रीय मंत्री ने ट्विटर के ज़रिए कहा कि भारतीय सरकार व्हाट्सएप के जरिए नागरिकों की निजता के उल्लंघन को लेकर चिंतित है। हमने इसको लेकर व्हाट्सएप से जवाब मांगा है कि वे किस तरह की सुरक्षा देते हैं। भारत सरकार नागरिकों की निजता की रक्षा के लिए समर्पित है।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने इस मामले को लेकर विपक्षी नेताओं द्वारा किए जा रहे हमले का भी अटपटा जवाब दिया। उन्होंने इस मामले की ज़िम्मेदारी लेने के बजाए यह याद दिलाया कि पूर्वर्ती यूपीए सरकार के समय में भी जासूसी का मामला सामने आ चुका है।
रविशंकर के इस अटपटे बयान पर कांग्रेस नेता चिरंजीव राव ने आपत्ति दर्ज करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “पहले सरकार के खिलाफ लिखने वाले पत्रकार, अधिवक्ताओं, समाजसेवियों की जासूसी कराइये, और सच सामने आने पर विपक्षी पार्टियों और देशवासियों को लेक्चर दीजिए, ये दोहरा रुख कहा तक जायज है?”
उन्होंने आगे लिखा, “ये बहुत ही गंभीर विषय है, सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर जिम्मेदारी निर्धारित करना चाहिए”।
पहले सरकार के खिलाफ लिखने वाले पत्रकार, अधिवक्ताओं, समाजसेवियों की जासूसी कराइये,
और सच सामने आने पर विपक्षी पार्टियों और देशवासियों को लेक्चर दीजिए, ये दोहरा रुख कहा तक जायज है?
ये बहुत ही गंभीर विषय है, सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर जिम्मेदारी निर्धारित करना चाहिए https://t.co/ryVQSyGWrt
— Chiranjeev Rao (@Chiranjeev_INC) October 31, 2019
क्या है मामला?
दरअसल, इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप ने दावा किया है कि इजरायली कंपनी एनएसओ ने अपने स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके भारत के कई पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी की। व्हाट्सएप ने बताया कि ये जासूसी मई महीने में की गई, जब भारत में लोकसभा चुनाव हो रहे थे। एनएसओ पर स्पाईवेयर पेगासस के ज़रिए करीब 1,400 यूजर्स के निजी डाटा को चुराने का आरोप है। व्हाट्सएप ने हैकिंग की पुष्टि करते हुए इजरायली जासूसी कंपनी के खिलाफ़ मुकदमा भी दर्ज कराया है।