महाराष्ट्र और हरियाणा में मुँह की खाने के बाद बीजेपी को कर्नाटक के स्थानीय निकाय चुनाव में तगड़ा झटका लगा है। राज्य की 2 नगर निगम सहित 14 शहरी निकायों की 418 सीटों पर हुए चुनावों का परिणाम गुरुवार को घोषित कर दिए गए हैं।

418 में से कांग्रेस को बढ़त के साथ 151 सीटें मिली हैं, जबकि भाजपा को महज 121 सीटें ही मिली हैं। जेडीएस को 63 सीटों पर जीत मिली है, एक सीट सीपीएम के खाते में गई है। निर्दलियों को 55 मिली मिली हैं, वहीं अन्य के खाते में 23 सीटें गई हैं।

चिकबल्लापुर जिले की चिंतामणि सिटी म्युनिसिपल काउंसिल की 31 में से भाजपा को एक भी सीट पर जीत नहीं मिल पाई है। यहां जेडीएस को 14, अन्य को 16 और कांग्रेस को 1 सीट पर जीत मिली है। इसी जिले की गौरीबिद्नुर की 31 सीटों में से कांग्रेस को 15, भाजपा को 3, जेडीएस 6 और निर्दलियों ने 7 सीटें जीती हैं।

मेंगलुरु की 60 में से भाजपा को 44, कांग्रेस को 14 और अन्य को 2 सीटों पर विजय मिली है। वही दावणगेरे नगर निगम की 45 सीटों में से कांग्रेस को 23, भाजपा को 17, जेडीएस को 1 और अन्य को 5 सीटों पर विजय मिली है।

बीजेपी के लिए कर्नाटक निकाय चुनाव खतरे की घंटी है। क्योंकि बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 17 विधायकों को अयोग्य करार दिया है। इनमें से 15 अयोग्य विधायकों को बीजेपी ने उपचुनाव के लिए टिकट दिया है। ये सभी पूर्व विधायक कांग्रेस और जेडीएस से इस्तीफा देकर भाजपा में गए हैं। ये विधायक कुमारस्वामी की सरकार गिराकर येदियुराप्पु की सरकार बनवाने के लिए बीजेपी में शामिल हुए हैं।

अब ये देखना है कि निकाय चुनावों में कांग्रेस और जेडीएस को ज्यादा सीट देने वाली जनता इन दलबदलु विधायकों को जीताती है या फिर कांग्रेस-जेडीएस को।

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