‘गोवा और कश्मीर को देखने के बाद, मुझे लगता है कि अगर हम एक ही पार्टी के रूप में बीजेपी के साथ रह गए तो देश का लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा। विपक्ष इटालियंस और संतान को पार्टी से हटने के लिए कहे। ममता इसके बाद एकजुट कांग्रेस की अध्यक्ष बनें। एनसीपी को भी कांग्रेस में विलय करना चाहिए।’
ये बयान है भारतीय जनता पार्टी के सांसद और वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी का। जिन्होंने मौजूदा हाल को देखते हुए अपनी पार्टी के खिलाफ ऐसा बयान दिया है। जिसकी उम्मीद पूरी बीजेपी में सिर्फ उन्हीं से की जा सकती है।
After witnessing Goa and Kashmir, I feel that nation's democracy will weaken if we are left with BJP as a single party. Solution? Ask Italians & progeny to leav. Mamata can then be President of united Congi thereafter. NCP should also follow and merge.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 12, 2019
दरअसल स्वामी कमजोर होते विपक्ष पर तंज भी कस रहें है और साथ ही एक ही पार्टी के वर्चस्व को बढ़ता देख चिंता में भी है। जिस तरह से पिछले कई दिनों से कर्नाटक में राजनितिक संकट आया हुआ है।
उसे देख स्वामी की चिंता सही नज़र आती है, सिर्फ कर्नाटक ही नहीं गोवा में भी कांग्रेस के 15 में से 10 विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। मगर बीजेपी इसमें अपना रोल कहीं नहीं देखती है।
पिछले दिनों बीजेपी सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया था। जिसमें उनका कहना था कि कर्नाटक में, कांग्रेस लगातार भाजपा को सरकार की अस्थिरता के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है।
वहीं, भाजपा का कहना है कि इस संकट के पीछे उनकी पार्टी जिम्मेदार नहीं है बल्कि कांग्रेस और जद (एस) खुद ज़िम्मेदार है।
जिसपर राज्यसभा में बोलते हुए विपक्षी नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा था कि ऐसा लगता है कि बीजेपी सरकार सिर्फ धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और विपक्ष को खत्म करने के लिए ही सत्ता में आई है। आजाद ने कहा कि बीजेपी का एकमात्र लक्ष्य एक राजनीतिक पार्टी है। यह कहीं से भी लोकतंत्र और संविधान के अनुरूप नहीं।