गुजरात के अरावली जिले के मोदसा कसबे में एक दलित छात्रा को पहले अगवा किया गया फिर उसके साथ गैंगरेप किया गया और उसके बाद हत्या कर दी गई। इस गैंगरेप के बाद एक बार फिर देश गुस्से से उबल रहा है। 19 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप करने के बाद उसकी हत्या करके बरगद के पेड़ से लटका दिया गया। इस दिल दहला देने वाली घटना ने गुजरता सरकार और गुजरात मॉडल की पोल खोल कर रख दी है। क्योंकि मामले में गुजरात पुलिस की भारी लापरवाही सामने आ रही है।
युवती के परिवार वालों का आरोप है कि, पुलिस ने इस पूरे मामले में लापरवाही बरती। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में पुलिस ने भारी गड़बड़ियां कीं, उन्होंने कहा- पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती तो आज हमारी बेटी जिंदा होती। गुजरात पुलिस के रवैए से लड़की के परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया था। हत्या के 4 दिन बाद पजिजनों ने 9 जनवरी को शव का अंतिम संस्कार किया। इस हत्याकांड में चार आरोपी है जिन्हें पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इसे एक्सीडेंटल डेथ माना कहा है।
युवती का नाम काजल है जो 1 जनवरी को लापता हो गई थी। 5 जनवरी को उसका पेड़ से लटकता हुआ शव मिला था। चारों आरोपियों के नाम बिमल भारवाड, दर्शन भारवाड, सतीश भारवाड और जिगर हैं। लेकिन पांच दिन बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने लड़की की मौत पर गुजरात पुलिस से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।