पिछले दिनो पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत हुई लेकिन स्वयं ममता बनर्जी नंदीग्राम विधानसभा सीट पर काफी कम मतों के अंतर से पराजित हो गई।

इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी को चुनाव आयोग ने निर्वाचित घोषित कर दिया। ममता बनर्जी इस चुनाव परिणाम से संतुष्ट नहीं हैं।

ममता ने शुभेंदु के निर्वाचन को न्यायालय में चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई हो रही है लेकिन सवाल यह है कि सुनवाई कर कौन कर रहा है?

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इस मामले से संबंधित एक ट्वीट किया है और उसमें दो तस्वीरें अपलोड की है।

इस तस्वीरों में एक व्यक्ति की तस्वीर पर डेरेक ने मार्क लगाते हुए उन्होेंने पूछा है कि “कौन है वह व्यक्ति जो इन दोनों तस्वीरो में है? क्या वह कोलकाता उच्च न्यायालय के जज कौशिक चंदा हैं? क्या ये वही जज कौशिक चंदा हैं जिन्हें नंदीग्राम चुनाव मामले की जांच के लिए सुनवाई के लिए नियुक्त किया गया है!”

 

डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि यह स्थिति देश के न्यायपालिका की है। क्या इससे ज्यादा भी न्यायपालिका नीचे गिर सकती है?

दरअसल इन तस्वीरों में जज कौशिक चंदा भारतीय जनता पार्टी की बैठकों में शामिल नजर आ रहे हैं!

क्या जो व्यक्ति खुद भाजपा की बैठकों में शामिल हो रहा है, भाजपा के कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है, क्या वैसा व्यक्ति चुनाव संबंधित मामले की निष्पक्ष सुनवाई कर सकता है?

कोलकाता हाईकोर्ट में आज नंदीग्राम विधानसभा चुनाव परिणाम मामले पर सुनवाई होनी थी जिसे कौशिक चंदा की कोर्ट ने टाल दिया है।

कौशिक चंदा ने आज इस मामले पर सुनवाई नहीं की और मामले को 24 जून तक के लिए स्थगित कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल होने वाले जज लगातार इस मामले को टालते ही जाएंगे।

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से तृणमूल उम्मीदवार के तौर पर ममता बनर्जी को 1737 वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा था।

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया था कि चुनावी परिणाम में केंद्र सरकार के इशारे पर छेड़छाड़ किया गया है और उन्हें जबरन हरवाया गया है। इसके बाद ममता ने कोर्ट की शरण ली।

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