कुछ मीडिया संस्थानों के आंकलन से उलट देश के छह करोड़ कर्मचारियों के लिए बुरी खबर आयी है। ABP न्यूज़ ने 11 मार्च को बताया था कि ईपीएफ खाताधारकों को सौगात मिल सकती है। लेकिन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वित्तय वर्ष 2021-22 के लिए ब्याज दर को 8.5% से घटाकर 8.1% कर दिया है। यह पिछले 40 सालों में ईपीएफओ खाते पर मिलने वाली सबसे कम ब्याज दर है। ऐसे में इसे किसी तरह की सौगात की श्रेणी में तो नहीं रखा जा सकता।

दरसल, केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक दिन पहले ही जानकारी दे दी थी कि ईपीएफओ ब्याज दर को सार्वजानिक करेगी, जिसके बाद मीडिया में ‘खाताधारकों को सौगात मिलने’ की खबरें चलने लगी थीं। ABP न्यूज़ ने तो कहा था कि ब्याज दर 8.5 प्रतिशत ही रहने के आसार हैं। हालाँकि, महंगाई के इस दौर में ब्याज दर के कम हो जाने की खबर कर्मचारियों को हताश करने वाली साबित हो सकती है। अभी इस फैसले पर वित्त मंत्रालय की मंज़ूरी बाकी है।

EPFO की ब्‍याज दर में इस फेरबदल पर कांग्रेस नेत्री सुप्रिय श्रीनेत ने टिप्पणी की है। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा है,

क्या होता है ईपीएफओ?

दरअसल, कर्मचारियों के वेतन का लगभग 12 प्रतिशत पीएफ खाते में जमा किया जाता है। ‘पैसा बाज़ार’ के अनुसार “ईपीएफ एक रिटायर्मेंट प्लान है जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) मैनेज करता है। ईपीएफ योजना में कर्मचारी और उसका नियोक्ता/ कंपनी हर महीने बराबर राशि का योगदान करते हैं जो मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% होता है। कंपनी के योगदान का 8.33% हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के लिए जाता है।” रिटायर्मेंट के बाद कर्मचारी को ये राशि एक साथ मिलती है। ब्याज दर काम हो जाने से राशि भी कम हो जाएगी।

2018-19 के लिए पीएफ खातों पर ब्याज दर 8.65 प्रतिशत थी। इसे 2019-20 में 8.5 प्रतिशत कर दिया गया था, जो कि बीते 7 सालों में सबसे कम थी।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने मार्च 2021 में ईपीएफ खातों पर 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर पर सहमति जताई थी। यह दर वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए लागू होनी थी। इसके बाद वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर 2021 में इस फैसले पर मोहर लगाई थी। अब देखना होगा कि क्या मंत्रालय नई दर पर मंज़ूरी देता है या नहीं?

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here