भारत में इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को डिजाइन करने वाले अमेरिका के एक साइबर एक्सपर्ट ने EVM को हैक करने का दावा किया है। वो लंदन में आज भारतीय EVM को हैक करने का लाइव प्रसेंटेशन भी दे रहे हैं। उनका दावा है कि भारतीय EVM को आसानी से हैक किया जा सकता है और 2014 आम चुनावों में इसे हैक किया गया था।
लाइव प्रेसेंटेशन दे रहे साइबर एक्सपर्ट सैय्यद शुजा ने प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान दावा किया है कि उनकी डिजाइन की गई ईवीएम 2014 के लोकसभा चुनावों में इस्तेमाल हुई थी। उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्हें लगा कि ईवीएम मशीन के साथ गड़बड़ी हुई थी। उन्होंने कहा कि यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सभी जगह धोखाधड़ी हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीजेपी के लोगों पर नजर नहीं रखी जाती तो बीजेपी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी ईवीएम हैक करने की कोशिश में थी। जिसके बाद ये लोग इन राज्यों में भी सरकार बना लेते।
एक्सपर्ट का कहना है कि इस प्रेसेंटेशन के लिए चुनाव आयोग को भी न्यौता दिया गया था, लेकिन उनकी तरफ से कोई भी यहां नहीं पहुंचा है। इसके अलावा राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को भी बुलाया गया था, जिनमें से केवल कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल यहां पहुंचे हैं।
ग़ौरतलब है कि 2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कथित तौर पर EVM हैकिंग के मामलों के बाद से EVM को बैन किए जाने की लगातार मांग उठ रही है। हालांकि इससे पहले भी EVM को बैन किए जाने की मांग उठती रही है। लेकिन यूपी चुनावों के बाद से इस मांग को बल मिला है।
हाल ही में तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई में कोलकाता में हुई विपक्ष की महारैली में भी चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल को बंद करने के लिए आवाज़ उठाई गई थी। महारैली में मौजूद जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने EVM को चोर मशीन कहते हुए चुनाव आयोग से इसे बैन करने की अपील की थी।
महारैली के बाद विपक्ष ने इस पर एक समिति बनाई है जिसमें पूर्व यूपी सीएम अखिलेश यादव, कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, बसपा के सतीश चंद्र मिश्र शामिल हैं। ये समिति जल्द ही इलेक्शन कमीशन से मुलाक़ात कर सकती है।