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Delhi Police

फेक जानकारी फैलाने वालों में अब पुलिस का नाम भी जुड़ गया है। दरअसल, दिल्ली पुलिस के दो सिपाहियों का वीडियो सामने आया है, जिसमें वो मस्जिदों से होने वाली अज़ान को लेकर ग़लत जानकारी देते नजर आ रहे हैं।

पुलिसकर्मियों का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरस हो रहा है। 1 मिनट 52 सेकंड के इस वीडियो को दिल्ली के प्रेमनगर इलाक़े का बताया जा रहा है। वीडियो में पुलिसकर्मी मस्जिद के सामने खड़े होकर कह रहे हैं कि अजान नहीं होनी चाहिए, इस पर रोक लगा दी गई है। पुलिसकर्मियों ने दावा किया कि ये रोक एलजी साहब के ऑर्डर पर लगाई गई है।

पुलिस के इस दावे पर वहां मौजूद महिलाओं ने सवाल उठाया। वीडियो में महिलाओं को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि अगर ऐसा कोई ऑर्डर है तो हमें दिखाया जाए। जिसके जवाब में पुलिसकर्मी महिलाओं से कहता है कि अगर ऑर्डर देखना है तो थाने आइए। वहां आपको ऑर्डर दिखा दिए जाएंगे।

दिलचस्प बात तो ये है पुलिसकर्मी जिस ऑर्डर की दुहाई डंके की चोट पर वहां खड़े होकर दे रहे थे। ऐसा कोई ऑर्डर एलजी की ओर से जारी ही नहीं किया गया। जब इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरस हुआ और अज़ान को लेकर सवाल पूछे जाने लगे तो पुलिस को खुद ही सामने आकर कहना पड़ा कि एलजी ने ऐसा कोई ऑर्डर नहीं जारी किया।

रोहिणी के डिप्टी पुलिस कमिश्नर एसडी मिश्रा ने बीबीसी को बताया कि वीडियो में नज़र आने वाले कॉन्स्टेबल को अज़ान और नमाज़ के बीच का फ़र्क़ नहीं पता इसलिए उसने ग़लत दावा कर दिया। सोशल डिस्टेंसिंग के कारण नमाज़ मस्जिदों में पढ़ने के लिए मनाही है लेकिन अज़ान पर कोई रोक नहीं है।

उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी ऑर्डर उप-राज्यपाल के कार्यालय से जारी नहीं किया गया है। हमने इस इलाक़े के सभी मस्जिदों के मौलवी लोगों को ये जानकारी दे दी है। कॉन्स्टेबल पर ग़लत जानकारी फैलाने के कारण अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई है।

वहीं इस मामले पर दिल्ली सरकार की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने अाई है। उपमुख्मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर अजान को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, “अजान के लिए कोई पाबंदी नहीं है। लॉकडाउन में मस्जिदों में नमाज के लिए इकट्ठा होने या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर पूजा आदि के लिए लोगों के इकट्ठा होने पर पूरी तरह पाबंदी है।”

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