मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने मथुरा से बीजेपी की सांसद हेमा मालिनी को चुनौती दी है।
किसानों का कहना है कि अगर बीजेपी सांसद पंजाब आकर उन्हें सरकार के तीनों कानूनों के फायदे बताती हैं तो वो उनके होटल का ख़र्च उठाने के लिए तैयार हैं।
किसानों ने ये चुनौती हेमा मालिनी के उस बयान के बाद दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसान यह नहीं जानते कि उन्हें क्या चाहिए। उनके पास कोई एजेंडा नहीं है। वे विपक्ष के बहकावे में आ रहे हैं।
पंजाब के किसान संगठन कांधी किसान संघर्ष कमेटी ने हेमा मालिनी को पत्र लिखकर कहा कि अगर बीजेपी नेता को लगता है कि किसान कृषि कानूनों को समझ नहीं पा रहे और उनका आंदोलन गलत है तो वो पंजाब आकर हमें इन कानूनों को समझा दें। हम उन्हें टिकट का पैसा देंगे और साथ ही फाइव स्टार होटल का एक हफ्ते का खर्च भी उठाएंगे।
किसान संगठन केकेएससी के चेयरमैन भूपिंदर सिंह, उपाध्यक्ष जरनैली सिंह ने पत्र में लिखा है कि पंजाब में हेमामालिनी को भाभी के समान सम्मान दिया जाता है। भाभी मां के समान होती है। पंजाब में आपने चुनाव के दौरान खुद ही कहा था कि आप पंजाब की बहू हैं।
पत्र में आगे कहा गया, ‘अपनी फसल का उपयुक्त मूल्य पाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर 51 दिन से अधिक समय से आंदोलन कर रहे 100 से अधिक किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में आपका (हेमा मालिनी) बयान हर पंजाबी के लिए निराशाजनक है। किसान कठिन परिश्रम से अपनी फसल उगाता है।’
बता दें कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए 3 नए कानूनों के खिलाफ बीते छह महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। ये आंदोलन जून से नवंबर तक मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में था। सरकार की ओर से प्रदर्शन पर ध्यान ना देने पर 26 नवंबर को किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया।
इसके बाद बीते 52 दिन से किसान दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंधु बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। टिकरी, गाजीपुर और दिल्ली के दूसरे बॉर्डर पर भी किसान जमा हैं।
किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कानूनों को वापस ले। जिसे सरकार सुनने को राज़ी नहीं है। सरकार की ओर से इस आंदोलन को विपक्ष और चीन-पाकिस्तान की साज़िश बताया जा रहा है।