महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा किया गया एक भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, कुछ चुने हुए उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिये सरकार ने 6300 करोड़ रू के पोषण आहार के टेंडर में नियमों की अनदेखी की।

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने वैष्णोरानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए टेंडर में भ्रष्टाचार की बात को माना और टेंडर रद्द कर दिया। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि अब वह नए सिरे से टेंडर जारी करे। साथ ही कहा है कि इस अवधि में महिलाओं और बच्चों के लिए वैकल्पिक तरीके से पोषक आहार उपलब्ध कराया जाए।

ये ठेका पंकजा मुंडे के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कैबिनेट से मंज़ूरी मिलने के बाद 8 मार्च, 2016 को टेंडर जारी किया था। इसके तहत स्कूली बच्चों को पोषक आहार उपलब्ध कराया जाना था।

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यह टेंडर महिलाओं द्वारा संचिलात स्वयं सहायता समूह को ही दिया जाना था। लेकिन, मंत्रालय ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इसे कुछ चुने हुए उद्योगपतियों को दे दिया।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा टेंडर रद्द किए जाने के बाद पंकजा मुंडे को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। पंकजा मुंडे पर पहले भी खाद्य सामग्री में घोटाले के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि पार्टी और महाराष्ट्र की सरकार पंकजा मुंडे का बचाव करती रही है।

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