केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एनडीए सरकार का अंतरिम बजट पेश किया। उन्होंने बीमार वित्तमंत्री अरुण जेटली के एवज़ में अंतरिम बजट पेश किया। पीयूष को वित्त मंत्रालय का प्रभार अलग से दिया गया है।
सरकार द्वारा पेश बजट पर पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिंहा ने निशाना साधा है। यशवंत ने कहा है कि, ये बजट वोट के बदले कैश बाँटने जैसा है। पूर्व भाजपा नेता ने कहा कि,
“ये बजट वोट के बदले कैश बाँटने जैसा है। जब ये काम चुनाव में खड़ा उम्मीदवार करता है तो यह ग़ैरक़ानूनी है, लेकिन जब यही काम सरकार करती है तो ये पूरी तरह से जायज़ है। मुझे उम्मीद है कि भारत के नागरिक अंतिम समय की इस चालबाज़ी के झाँसे में नहीं आएँगे”
It is a cash for votes budget. It is illegal for a candidate to do it but when the govt does it is perfectly valid. I hope the people of India will not be fooled by these last minute gimmicks.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) February 1, 2019
यशवंत सिंहा ने सरकार के इस बजट को लेकर आगे कहा कि, ये अंतरिम बजट न होकर पूर्ण बजट है। जिसको पेश करने का हक़ इस सरकार के पास नहीं है। जनता ने सरकार को केवल पाँच बजट पेश करने की अनुमति दी थी लेकिन संविधान की परम्पराओं का ध्यान न रखते हुए इस सरकार ने छठा बजट भी पेश कर दिया।
सिंहा कहते हैं कि अगर आप इस बजट को विस्तार से समझेंगे तो पाएँगे कि, कई योजनाओं में आवंटन कम कर दिया गया है।
वो कहते हैं कि, पिछले बजट से अगर तुलना की जाए तो ग्रीन रेवोल्यूशन, व्हाइट रेवोल्यूशन, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, ब्लू रेवोल्यूशन, महिला सशक्तिकरण योजना, स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं में आवंटन कम कर दिया गया है। इसका साफ़ मतलब है कि रियलिस्टिक एस्टीमेट नहीं बनाया गया है।