साल 2014 में जब से केंद्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता कायम की है। तब से ही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया की नींव डगमगाने लगी है। कुछ मीडिया हाउस को छोड़कर आजकल सभी पत्रकार मोदी सरकार की गोद में बैठे हुए हैं।

कुछ चुनिंदा पत्रकारों को छोड़कर किसी भी पत्रकार में इतनी हिम्मत नहीं है कि मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों और फासीवाद के खिलाफ कुछ बोल सके।

देश के गृहमंत्री अमित शाह का एक इंटरव्यू सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।

जिसकी वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला पत्रकार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से लेकर कई मुद्दों तक उनसे ऐसे सवाल पूछ रही हैं। जिसे सुनकर अमित शाह के पसीने छूट गए।

महिला पत्रकार इसमें पूछ रही है कि आप पश्चिम बंगाल की बात करते हैं। लेकिन आप उत्तर प्रदेश और अन्य भाजपा शासित राज्यों को भूल जाते हैं।

वहां पर किस तरह से हत्याएं हो रही हैं। लेकिन भाजपा हमेशा पश्चिम बंगाल की छवि को धूमिल करने की कोशिश में लगी रहती है।

इस दौरान महिला पत्रकार ने अमित शाह से सीधा सवाल पूछते हुए कहा कि मोदी सरकार भारतीय सीमा की बात करती है। बीएसएफ गृह मंत्रालय के अधीन आता है तो फिर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए राज्य कैसे जिम्मेदार हैं।

भाजपा सेंट्रल एजेंसियों का इस्तेमाल करके बंगाल के नेताओं को टारगेट करते हैं।

महिला पत्रकार ने अमित शाह से कहा कि बंगाल में पक्षपात का आरोप आपके ऊपर लग रहा है कि केंद्र सरकार आपदा के दौरान पश्चिम बंगाल के लिए पैकेज घोषित करते हैं। लेकिन भेजते नहीं है।

वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि महिला पत्रकार द्वारा उन पर दागे गए सवालों का जवाब देने में अमित शाह पूरी तरह से घबराए और बौखलाए हुए हैं।

ऐसा प्रतीत होता है कि शायद ऐसे पत्रकार से उनका सामना पहली बार हुआ है।

इस वीडियो को पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप ने ट्वीट कर लिखा है कि “पहले तो पूर्व में दिए सवाल चम्मच में परोसे जाते थे, आज एक पत्रकार से हुआ सामना तो
छक्के छुड़ा दिए”

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