Samar Raj

केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के शासनकाल में देश के सरकारी संस्थानों और कंपनियों का निजीकरण जोरों शोरों से चल रहा है।  वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत में ही देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि केंद्र सरकार आर्थिक तंगी से जूझ रही है। इसलिए देश की कई सरकारी संपत्तियों को लीज पर दिया जा सकता है या फिर बेचा जा सकता है। 

इसी बीच खबर सामने आई है कि देश के दूसरे सबसे बड़े व्यापारी गौतम अडानी जल्द ही एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी पर अपना कब्जा जमाने वाले हैं।

बीते कुछ समय से गौतम अडानी तेजी से देश की सरकारी संपत्तियों का अधिग्रहण किए जा रहे हैं। अब अडानी ग्रुप द्वारा एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधिग्रहण किए जाने की बात कही जा रही है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि एमपी पावर ट्रांसमिशन लाइनें बिछाने और उनका संचालन करने वाली महत्वपूर्ण सरकारी कंपनी है। ​एमपी पावर ट्रांसमिशन के अधिग्रहण के लिए अडानी ग्रुप को 1200 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ेगा।

इस सौदे के बाद अडानी ग्रुप को अब मध्य प्रदेश में 35 साल तक ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट के अधिकार दिए जाएंगे। इसके साथ ही सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है कि इससे मध्यप्रदेश में पावर ट्रांसमिशन सिस्टम को मजबूती मिलेगी।

इस मामले में कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने देश में हो रहे निजीकरण पर तंजीय अंदाज में ट्वीट करते हुए लिखा है कि “किश्त-किश्त में सब कुछ देने से अच्छा है, एक बार में ही देश अडानी के नाम कर दो क्योंकि ‘मोदी जी’ मेहरबान तो ____ पहलवान।”

गौरतलब है कि विपक्षी दलों द्वारा मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे सरकारी संस्थानों और कंपनियों के निजीकरण का जमकर विरोध किया जा रहा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि मोदी सरकार अपने करीबी पूंजीपतियों के हाथों धीरे-धीरे देश को बेचने का काम कर रही है। जिससे देश के लोगों को पूंजी पतियों का गुलाम बना दिया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here