केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह नवादा की सीट को लेकर भयंकर चिंता में हैं। BJP हाईकमान ने गिरिराज की सीट बदलकर नवादा से बेगूसराय कर दिया है।

इसी को लेकर सूत्रों से खबर आ रही है कि गिरिराज सिंह ने बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। बल्कि उन्होंने बिहार प्रभारी भूपिंदर यादव और बिहार बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय को नवादा सीट बदलने के लिए दोषी ठहराया है।

वैसे गिरिराज सिंह को उनकी नवादा की सीट बदलकर बेगूसराय किए जाने से ज्यादा चिंता इस बात की है कि बेगूसराय से उनके सामने सीपीआई से जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार हैं।

कन्हैया कुमार को लेफ्ट ने बेगूसराय से अपना उम्मीदवार बनाया है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि गिरिराज सिंह ने केंद्र में मंत्री रहते हुए जेएनयू और कन्हैया कुमार पर किस हद्द तक गिरकर बातें कहीं थीं। गिरिराज कन्हैया को देशद्रोही के रूप में प्रचारित करते रहे हैं।

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अब अगर गिरिराज सिंह अपने घोर प्रतिद्वंदी कन्हैया कुमार से हार जाते हैं तो उनके लिए ये शर्म की बात होगी। गिरिराज ने इसे अपनी नाक की लड़ाई मान लिया है, इसीलिए वो अपनी सीट को लेकर पार्टी से नाराज चल रहे हैं। ऐसे में गिरिराज सिंह पांच साल घर बैठना पसंद करेंगे लेकिन कन्हैया कुमार से हारना उनके लिए नागवार गुजरेगा।

बता दें कि गिरिराज सिंह बीजेपी के पांच बड़े नेताओं को मानाने की कोशिश भी कर चुके हैं लेकिन वो इसमें नाकाम रहे। उनकी बीजेपी में कोई भी बात सुनने के लिए तैयार नहीं है। अभी वो नवादा से सांसद हैं।

एनडीए के बीच सीट बंटवारे में नवादा सीट रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी के खाते में चली गई है। वहीं कन्हैया कुमार कह भी चुके हैं कि उनकी लड़ाई गिरिराज सिंह से है न की आरजेडी, महागठबंधन से।

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