मोदी सरकार द्वारा लाए गए एग्रीकल्चर बिल के खिलाफ पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। संसद से लेकर सड़क तक किसानों और विपक्षी नेताओं द्वारा इस एग्रीकल्चर बिल को किसान विरोधी करार दिया गया है। इसके साथ ही इस बिल को वापस लेने की मांग उठाई जा रही है।

इसी बीच हरियाणा में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें किसानों ने मीडिया पर देश को बेचने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

किसानों का आरोप है कि मीडिया पर अभिनेता सुशांत की मौत की खबरें दिनभर चलाई जा रही हैं। लेकिन सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर रहे किसानों के बारे में 1 लाइन तक नहीं कहीं जा रही।

इस वीडियो में देखा जा सकता है कि मोदी सरकार और गोदी मीडिया पर भड़के किसानों का कहना है कि जब भी घरों में टीवी चलता है तो उस पर सुशांत की आत्महत्या की खबरें दिखाई जाती हैं। क्या देश भर में आत्महत्या करने वाले किसानों की जान कीमती नहीं है।

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, बीते साल देश में 48000 किसानों और मजदूरों ने आत्महत्या की है। लेकिन इस पर कोई खबर नहीं दिखाई गई। अगर आज देश में सबसे ज्यादा कोई गद्दारी कर रहा है तो वह सरकार के हाथों बिक चुका मीडिया है।

गोदी मीडिया पूरा दिन सुशांत और कंगना के मुद्दे को दिखाकर टीआरपी बटोरने का काम करता है। एक सेलेब्रिटी की आत्महत्या पर पैसा बनाता है।

लेकिन देश का अन्नदाता कर्ज के तले दबकर या भुखमरी से परेशान होकर मर जाए। इससे इन्हे कोई फर्क नहीं।

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने देश के किसानों से वादा किया था कि वे किसानों की आय दोगुनी करेंगे। लेकिन भाजपा ने कृषि बिल के जरिये पूंजीपतियों के हाथों किसानों की जिंदगी बेचने का बेचने का काम किया है।

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