भारत में कितनी MBBS की सीटें हैं और कितने छात्र यहाँ पढ़कर एमबीबीएस डॉक्टर बनते हैं इसका खुलास केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट ने किया है। रिपोर्ट के मुताबिक बीते पांच सालो में हर साल महज 10% छात्र ही देश में एमबीबीएस की पढाई कर पाते है।
यूक्रेन संकट के दौरान यूक्रेन में एमबीबीएस की पढाई कर रहे छात्रों को देश वापिस लाने के समय विदेशों में मेडिकल पढ़ने जाने को लेकर खूब सवाल उठे थे। केन्दीय्र स्वास्थ्य मंत्रालय की दो अलग अलग रिपोर्ट बताती है कि एमबीबीएस की तैयारी करने वाले छात्रों में महज 10% छात्र ही ऐसे है जिनको देश के किसी सरकारी या निजी कालेज में दाखिला मिल पता है।
अन्यथा 90% छात्र ऐसे है जो एमबीबीएस के लिए विदेशों पर निर्भर है। देश में कुल 596 सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज हैं। जिनमे कुल 89,875 एमबीबीएस की सीट है। सरकारी कॉलेज की संख्या 313 है जिसमे 46,560 सीटें है, तो वहीं निजी कॉलेजो की संख्या 283 है, जिनमे 43,315 सीट हैं। हालांकि 2014 से पहले देश में कुल 51,348 सीटें हुआ करती थी।
2014 के बाद से अबतक इन सीटों में 75% का इजाफा हुआ है। जिसके बावजूद देश के 90% छात्र का देश में एमबीबीएस पढ़ डॉक्टर बनने का सपन अधूरा रह जाता है। रिपोर्ट ये भी बताती है साल 2017 और 2021 के बीच नीट की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की संख्या में करीबन 35% की बढ़ोतरी हुई है।
हालांकि इस दौरान 20 हजार से अधिक एमबीबीएस की सीटें भी बढ़ी है। लेकिन कुल छात्रों की संख्या के आगे ये बहुत कम है। वहीं अगर राज्यों की बात जाए तो तमिलनाडु ,उत्तर प्रदेश ,महाराष्ट्र और कर्नाटक में सबसे अधिक मेडिकल कॉलेज हैं।
बाकी राज्यों की बात करें तो कहीं पर मेडिकल कॉलेजो की संख्या कम है तो कहीं पर एमबीबीएस सीटों की। सिक्किम देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जहा एक भी सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है। मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य डॉ. विनय अग्रवाल का कहना है कि जिन छात्रों को देश में प्रवेश नहीं मिल पाता है, उनमें हर कोई विदेश नहीं जाता है। 90% में महज 20% से 30% ही ऐसे हैं जो विदेश जाते है। बाकियों का डॉक्टर बनने का सपना अधूरा रह जाता है।