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संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने के मामले में पिछले102 दिनों से जेल में बंद डॉक्टर कफील खान की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। गृह मंत्रालय ने उनपर लगी रासुका को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है।
अलीगढ़ के डीएम चंद्रभूषण सिंह ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डॉ. कफील खान पर लगाई गई रासुका में तीन महीने की बढ़ोतरी की गई है। गृह मंत्रालय से इस संबंध ने रेडियोग्राम आ गया है। 13 अगस्त तक कफील एनएसए में निरुद्ध रहेंगे।
बता दें कि कफील खान ने इसी साल जनवरी में नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में एएमयू में आयोजित एक प्रदर्शन में वक्ता के तौर पर शिरकत की थी। इस दौरान उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी की थी।
इसके बाद सिविल लाइंस थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। 29 जनवरी को एसटीएफ ने डॉ. कफील को मुंबई से गिरफ्तार किया था। अलीगढ़ लाए जाने के बाद उन्हें मथुरा जेल भेज दिया गया। उनपर 13 फरवरी को रासुका लगाई गई थी। इस वक़्त वो मथुरा की जेल में बंद हैं।
सरकार के इस फैसले पर ऐतराज़ जताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि कोरोना संकट के समय अगर डॉक्टर कफील जेल के बाहर होते तो वो देश के काम आ रहे होते।
सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए पत्रकार हिमांशु कुमार ने फेसबुक के जरिए कहा, डॉक्टर कफील खान को जेल गए हुए आज 102 दिन हो गए। 13 फरवरी को उनके ऊपर NSA लगाया गया था जिसको आज फिर तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है।”
उन्होंने कहा, “500 की क्षमता वाली मथुरा जेल में 1750 कैदी है जिसमे कफील है। लॉक डाउन में कफील से किस तरह की अशांति की आशंका है ये समझ नही आता। अगर डॉ कफील जेल में न होते तो रोगियों की समाज की मदद ही कर रहे होते।”