तान्या यादव

भोपाल गैस त्रासदी की तरह विशाखापत्तनम में भी गैस लीक, 13 की जान गई- सैकड़ों जख्मी

विशाखापत्तनम की एक फैक्ट्री से गैस के रिसाव के कारण 13 लोगों की जान चली गई है और सेकड़ों लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इस हादसे के कारण एक 8 साल की बच्ची और दो बुज़ुर्गों की भी मौत हो गई है।

अधिकारियों का कहना है कि एलजी polymers प्लांट नाम की फैक्ट्री के अंदर तापमान बदलने के कारण ‘styrene’ गैस का रिसाव हुआ है। लॉकडाउन में मिली रियायतों के बाद इस प्लांट को खोला गया था।

इस पूरे प्रकरण के बाद लोग भोपाल गैस ट्रेजेडी को याद कर रहे हैं। जिस तरह 1984 में भोपाल के एक प्लांट से MIC गैस के रिसाव के कारण लोगों की आंखों और फेफड़ों में जलन महसूस हो रही थी, उसी तरह विशाखापत्तनम के लोगों को भी जलन महसूस हो रही है। स्टाइरीन गैस से लंबे समय तक एक्सपोज़ होने से कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है।

अधिकारियों का कहना है कि स्टाइरीन गैस के असर को खत्म करने के लिए 500 किलो के PTBC केमिकल का इस्तेमाल किया जाएगा।

सोशल मीडिया पर कईं लोगों मृतकों और उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने लिखा-

#VizagGasTragedy हमें भोपाल गैस त्रासदी की याद दिलाता है , भले ही इतना सीरियस नहीं है। रिहायशी इलाके के आसपास इतना खतरनाक प्लांट क्यों लगाने दिया गया?  पर्यावरण मंत्रालय की कोई जिम्मेदारी है या नहीं ?

तहसीन पूनावाला ने ट्वीट कर लिखा कि, “भारत को वर्ल्ड बैंक से 7 हज़ार करोड़ रुपए मिले हैं, ADB से 15 हज़ार करोड़ मिले हैं, IMF से 30 हज़ार करोड़ मिले हैं और PM-केयर्स फंड में 15 हज़ार करोड़ से ज़्यादा इकठ्ठा हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी को पारदर्शी होना चाहिए और #VizagGasLeak के पीड़ितों की मदद करनी चाहिए।

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