amit shah
Amit Shah

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 11 मार्च 2020 को लोकसभा में दावा किया कि दिल्ली दंगे में मारे गए आईबी अफसर अंकित शर्मा को 400 बार चाकुओं से गोदा गया। लेकिन अंकित शर्मा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बताती है कि अमित शाह लोकसभा में ऑन रिकॉर्ड झूठ बोल रहे थे।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, अंकित शर्मा को चाकू से 13 बार गोदा गया और उनके शरीर पर कुल 51 घाव मिले। रेपोर्ट से ये बात तो सामने आई कि अंकित शर्मा की हत्या बेहद बेरहमी से की गई, लेकिन रिपोर्ट में कहीं भी 400 बार चाकुओं से गोदे जाने का ज़िक्र नहीं है। अब सवाल ये उठता है कि आख़िर अमित शाह ने किस बुनियाद पर ये दावा किया कि अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारी गई। उन्हें ये जानकारी कहां से मिली।

दऱअसल, अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारे जाने के दावे सबसे पहले कई राइट-विंग वेबसाइट ने किए थे, इसके बाद कई मीडिया आउटलेट जैसे कि रिपब्लिक, टाइम्स नाउ, द फ्री प्रेस जर्नल और प्रोपेगेंडा वेबसाइट Opindia ने भी ऐसे ही दावे किए थे। इसके साथ ही प्रसार भारती के सीईओ ने बीबीसी को लिखे एक खत में भी इसका जिक्र किया था।

इन मीडिया आउटलेट्स के साथ ही बीजेपी के कई नेताओं ने भी इस बात का दावा किया कि अंकित शर्मा को 400 बार चाकुओं से गोदा गया। इन नेताओं में मनोज तिवारी, संबित पात्रा, सुधानशु त्रिवेदी और मिनाक्षी लेखी का नाम शामिल है।

ऐसा नहीं है कि अमित शाह अकेले हैं जिन्होंने सदन में अंकित शर्मा की मौत को लेकर झूठा आंकड़ा पेश किया हो। मीनाक्षी लेखी लोकसभा में और सुधांशु त्रिवेदी राज्यसभा में अंकित शर्मा को 400 बार चाकुओं से गोदे जाने का आंकड़ा पेश कर चुके हैं।

सवाल फिर से वही है आखिर सदन में अंकित शर्मा की मौत को लेकर झूठे आंकड़े पेश करने की क्या ज़रूरत पड़ी? क्या बीजेपी सांसदों और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा मौत को लेकर आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने को भड़काऊ नहीं समझा जाना चाहिए?

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